किसी मंदिर, मस्जिद, सत्संग में ना जाना लेकिन अपनी मां को खुश कर लेना, मां से बड़ा सत्संग, ध्यान साधना चिंतन इस विश्व में दूसरा नहीं है : हजूर कंवर साहेब जी
कई जन्मों के अच्छे कर्मों के बाद हमें ये इंसानी चोला मिला है, परमात्मा की भक्ति के बिना वर्था ना खोवो : कंवर साहेब जी मां का गुणगान इसीलिए करते…