अगर सरकार ने समय रहते स्थिति को नहीं सुधारा तो किसानों का आक्रोश और बढ़ेगा

चंडीगढ़, 22 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि लोकसभा में उनके द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में जल शक्ति मंत्रालय ने दावा किया है कि हरियाणा में किसानों को सिंचाई जल आपूर्ति पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ा और भाखड़ा नहर प्रणाली से रोटेशनल प्रोग्राम के अनुसार पानी की आपूर्ति हो रही है।

लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। सांसद ने कहा कि किसानों की पीड़ा को गंभीरता से लिया जाए और केंद्र तथा राज्य सरकारें मिलकर पानी वितरण की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करें। सैलजा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते स्थिति को नहीं सुधारा तो किसानों का आक्रोश और बढ़ेगा।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि हरियाणा के किसानों को नहरों से प्राप्त होने वाला सिंचाई पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा। सिरसा जिले के डबवाली क्षेत्र में कल ही किसानों ने एक खाली नहर में दौडक़र विरोध प्रदर्शन किया, जो इस बात का प्रमाण है कि धरातल पर हालात बेहद खराब हैं।

सांसद के सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि मार्च-अप्रैल 2025 के दौरान पानी की कमी का कोई प्रतिकूल असर सिंचाई पर नहीं पड़ा। जबकि किसानों का स्पष्ट कहना है कि मानसून के बावजूद उन्हें आवश्यक मात्रा में पानी नहीं मिल रहा। यह केंद्र सरकार की जमीनी हालात से अनभिज्ञता को दर्शाता है। सांसद ने कहा कि भाखड़ा नहर की साफ सफाई न होने के कारण हरियाणा को पूरा पानी नहीं पहुंच रहा है और टेल पर बसे किसान फसलों की सिंचाई तक नहीं कर पाते हैै साथ ही पेयजल संकट गहराता है। सांसद ने पहले भी प्रदेश सरकार से भाखडा और उसकी सहायक नहरों की समय पर सफाई कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।

सासंद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को केवल कागजी दावों तक सीमित रहने के बजाय धरातल पर स्थिति की सच्चाई देखनी चाहिए, हरियाणा के किसानों को उनका पूरा हिस्सा तुरंत दिया जाए, भाखड़ा नहर की मरम्मत और रखरखाव का कार्य बिना टालमटोल के समयबद्ध तरीके से किया जाए। सांसद ने कहा कि किसानों की पीड़ा को गंभीरता से लिया जाए और केंद्र तथा राज्य सरकारें मिलकर पानी वितरण की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करें। सांसद ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते स्थिति को नहीं सुधारा तो किसानों का आक्रोश और बढ़ेगा।

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