सोहना बाबू सिंगला
सोहना कस्बे में एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले 15 वर्षीय छात्र की करंट लगने से मौत हो गई है। छात्र को आम रास्ते में दुकान के बाहर लगे लोहे के कूलर से करंट लगा था। करंट लगने पर छात्र के परिजन उपचार के लिए सोहना नागरिक अस्पताल में ले गए किंतु वहां पर उसकी मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल में छात्र को उचित समय पर सही उपचार नहीं मिल सका था। जिस पर मृतक छात्र के परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया था। मौके पर पहुंचे सिटी थाना प्रभारी ने मामले को संभाल कर जांच शुरू कर दी है।
कस्बे के वार्ड नंबर 6 में स्थित केडीएम पब्लिक स्कूल का छात्र यमन कक्षा नवी का विद्यार्थी था। जो अपने बड़े भाई गौरव के साथ छुट्टी होने के बाद स्कूल से पैदल ही अपने घर की ओर आ रहा था। यमन व गौरव स्कूल से मात्र 400 मीटर दूर ही चला थे कि यमन ने किरयाना दुकान के बाहर लगे लोहे के कूलर को पकड़ लिया था किंतु कूलर में बिजली का करंट आ रहा था। जिससे छात्र यमन को जोरदार करंट का झटका लगा और वह दूर जा गिरा यमन के करंट लगने पर उसके बड़े भाई गौरव ने मौके पर स्कूल की टीचर की मदद से पीड़ित यमन को निजी अस्पताल में पहुंचाया किंतु हालत गंभीर होने के कारण निजी अस्पताल संचालकों ने उसको रेफर कर दिया। जिस पर पीड़ित यमन को एंबुलेंस ना मिलने के कारण नागरिक अस्पताल में ले जाया गया किंतु डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक छात्र यमन गांव किरंज जिला नूह का निवासी बताया जाता है।
उपचार का रहा अभाव
मृतक छात्र यमन के पिता कर्मचंद बताते हैं कि यमन को गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में लाया गया था। उस वक्त वह जीवित था किंतु समय पर डॉक्टर व इलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सही समय पर यमन को इलाज मिल जाता तो उसका बेटा बच जाता।
क्या कहते हैं एसएमओ
नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ नवल किशोर बताते हैं कि जिस समय बच्चे को लाया गया था उस समय उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
परिजनों ने किया हंगामा
मृतक यमन को नागरिक अस्पताल में समय पर इलाज ना मिलने पर उसके परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। डॉक्टरों ने जब यमन को मृत घोषित किया तो परिजन उखड़ गए और स्टाफ कर्मचारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय यमन को अस्पताल में लाया गया था वह जीवित था किंतु अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। मात्र स्टाफ कर्मचारियों ने उसको देख कर मृतक घोषित कर दिया जिसका किसी भी प्रकार का इलाज नहीं किया गया था। उन्होंने सरकार व स्वास्थ्य विभाग से मामले की जांच कराने की मांग की है।