क्या धारा 144 सीआरपीसी किसानों और विपक्ष पर ही लागू होती है सत्ता पक्ष पर नहीं?
किसानों को डराना-धमकाना बंद करे सरकार

गुरुग्राम, 21 फ़रवरी, 2024 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान किसान नेता चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि सरकार तानाशाही अपनाकर किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहती है लेकिन किसान डरने वाले नहीं है और जब तक किसानों की माँगें पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि किसानों की माँगे पूरी तरह से जायज़ है और किसान अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने बयान में कहा था कि किसान ट्रैक्टरों से दिल्ली ना जाए बल्कि पैदल दिल्ली जा सकते हैं, जोकि बिलकुल झूठा साबित हुआ। उन्होंने कहा कि मानेसर में किसान अपनी माँगो के समर्थन में शांतिपूर्वक पैदल मार्च करते हुए दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें ज़बरदस्ती तानाशाही रवैया अपनाकर गिरफ़्तार कर लिया।

उन्होंने कहा कि पुलिस गुरुग्राम में धारा 144 सीआरपीसी का हवाला देकर किसानों को गिरफ़्तार करने की बात कह रही है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब गुरुग्राम में धारा 144 लगी हुई है तो फिर 16 फ़रवरी को प्रधानमंत्री की रिवाडी रैली के लिए गुरुग्राम से हज़ारों व्यक्ति हरियाणा रोडवेज़ तथा प्राइवेट बसों में बैठकर रिवाड़ी गए थे तो उन पर धारा 144 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करके उनको गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या धारा 144 सीआरपीसी किसानों और विपक्ष पर ही लागू होती है? क्या धारा 144 सीआरपीसी सत्ता पक्ष पर लागू नहीं होती?
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन से डर गई है और किसानों के आंदोलन को तानाशाही रवैया अपनाकर तोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार अलोकतांत्रिक तरीक़े अपनाकर किसानों की आवाज़ को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जनता आने वाले चुनावों में सरकार को सबक़ सिखाएगी।
