अहीरवाल को एकतरफा जनसमर्थन विधानसभा चुनावों में देने कीे एवज में किसानों को डीएपी खाद के लिए लम्बी-लम्बी लाईनों में लगकर पुलिस के डंडे खिलाकर भी खाद न देने के रूप में दिया है : विद्रोही
किसानों को दूसरा तोहफा यह मिलो कि वे सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद ब्लैक में खरीदकर अपनी जेबे ढीली करे : विद्रोही
तीसरा तोहफा बाजरा उत्पादक किसानों को अपने बेचे गए बाजरे का पैसा सरकारी दावों के बावजूद भी उनके बैंक खातों में जमा न करवाने के रूप में दिया : विद्रोही

15 अक्टूबर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि भाजपा को विधानसभा चुनावों में एकतरफा समर्थन देने के तोहफे अहीरवाल की जनता को भाजपा सरकार की ओर से मिलने शुरू हो गए। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार ने अहीरवाल को एकतरफा जनसमर्थन विधानसभा चुनावों में देने कीे एवज में किसानों को डीएपी खाद के लिए लम्बी-लम्बी लाईनों में लगकर पुलिस के डंडे खिलाकर भी खाद न देने के रूप में दिया है। किसानों को दूसरा तोहफा यह मिलो कि वे सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद ब्लैक में खरीदकर अपनी जेबे ढीली करे। तीसरा तोहफा बाजरा उत्पादक किसानों को अपने बेचे गए बाजरे का पैसा सरकारी दावों के बावजूद भी उनके बैंक खातों में जमा न करवाने के रूप में दिया। अब किसान के पास न तो सरसों व गेंहू बिजाई के लिए पर्याप्त डीएपी खाद है और न ही बिजाई के लिए बीज सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए पैसा। वहीं अहीरवाल की मंडियां बाजरे से अटी पडी है, उठान इतना धीमा है कि नया बाजरा खरीदने के लिए मंडियों में पर्याप्त जगह ही नही है।
विद्रोही ने कहा कि यह हाल तो तब है जब अहीरवाल की 11 विधानसभा सीटों पर यहां के मतदाता ने दस सीटे भाजपा की झोली में डाली है। जब शुरूआत में ही ऐसे तोहफे मिल रहे है, तब आगे क्या होगा यह बताना भी बेमानी है। अहीरवाल से मिले एकतरफा जनादेश का भाजपा ने कितना सम्मान किया है, यह 17 अक्टूबर को तब पता चल जायेगा जब तीन बार हरियाणा में भाजपा सरकार बनवाने वाले अहीरवाल को मुख्यमंत्री पद मिलता है या नही। अहीरवाल के दिग्गज नेता केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह तो सार्वजनिक रूप से कह चुके है कि तीन बार भाजपा कीे सरकार हरियाणा में बनवाने के बाद भी अहीरवाल को न तो सत्ता और न ही विकास में सम्मानजनक भागीदारी मिली है। विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा को एकतरफा समर्थन देने पर भी अहीरवाल के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार हो रहा है तब फिर अहीरवाल की जनता खुद सोचे कि आखिर उन्हेे भाजपा को एकतरफा समर्थन देने के बदले में मिला क्या है?