हरियाणा की 38 नगर निकाय एक से साढ़े तीन वर्ष से चुनावों की बाट जोंह रही है, लेकिन सत्ता का दुरूपयोग करके भाजपा सरकार चुनाव नही करवा रही : विद्रोही
हरियाणा के पंचायती राज व नगर निकाय चुनाव में ऐसे नियम बना रखे है कि हरियाणा चुनाव आयुक्त सरकार की अनुमति बिना पंचायती राज व नगर निकाय संस्थाओं के चुनाव करवा ही नही सकता : विद्रोही

21 नवम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा हरियाणा में नगर निकायो के चुनाव करवाने व भाजपा चुनावों के लिए तैयार है, ऐसा दमगज्जा तो मार रही है लेकिन इसके विपरित विभिन्न 38 नगर निकायो के कार्यकाल एक से साढे तीन साल वर्ष पहले ही पूरे होने के बाद भी चुनाव न करवाकर समय पर नगर निकाय चुनाव करवाने के कानूनी प्रावधान का मजाक उडा रही है।
विद्रोही ने आरोप लगाया कि सिरसा नगर परिषद का कार्यकाल को खत्म हुए साढे तीन साल हो चुके है, वहीं गुरूग्राम व फरीदाबाद में ढाई वर्ष से नगर निगम का चुनाव नहीं हो रहा1 जबकि मानेसर में दो वर्ष पूर्व नगर निगम तो बना दी गई थी, लेकिन पहला चुनाव आज तक नही करवाया। आज स्थित यह है कि हरियाणा की 11 नगर निगमों में से पंचकूला को छोडकर अन्य सभी नगर निगमों के मेयर पद खाली पडे है। इनमें कुछ नगर निगम के चुनाव तो एक से ढाई साल से लम्बित है। हरियाणा की लगभग सभी नगर निगमे अफसरशाही चला रही है। यही हालत नगर परिषदों व नगरपालिकाओं कीे है।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की 38 नगर निकाय एक से साढ़े तीन वर्ष से चुनावों की बाट जोंह रही है, लेकिन सत्ता का दुरूपयोग करके भाजपा सरकार चुनाव नही करवा रही। अम्बाला कैंट नगर परिषद का तो छह सालों सेे चुनाव ही नही हो रहा। यदि कन्टोनमैंट बोर्ड को भी शामिल कर लिया जाये तो वहां 2013 से ही कोई चुनाव नही हो रहा। हरियाणा के पंचायती राज व नगर निकाय चुनाव में ऐसे नियम बना रखे है कि हरियाणा चुनाव आयुक्त सरकार की अनुमति बिना पंचायती राज व नगर निकाय संस्थाओं के चुनाव करवा ही नही सकता। हरियाणा में पंचायती राज चुनाव भी ढाई साल की देरी से हुए थे और अब 38 नगर निकाय चुनाव भी एक से साढ़े तीन बाद भी होने की बाट जोंह रहे है। भाजपा द्वारा निचले स्तर के लोकतंत्र की हत्या का यह जींवत प्रमाण है। विद्रोही ने मांग की कि और देरी किये बिना 38 नगर निकायो के चुनाव तुरन्त करवाये जाये। वहीं पंचायती राज व नगर निकाय संस्थाओं के चुनाव करवाने के नियमों में सरकार से चुनाव करवाने की अनुमति लेने के कानूनी प्रावधान को हटाकर यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी पंचायती राज व नगर निकाय संस्था का कार्यकाल पूरा होने से छह माह में पहले सम्बन्धित संस्था का चुनाव करवाना कानूनी अनिवार्य हो।