भारत सारथी

गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: जिले के सोहना नगर परिषद की चेयरपर्सन अंजू देवी की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। उनपर फर्जी दस्तावेज जमा करके चुनाव लड़ने का आरोप लगा था। जिससे उसकी चेयरपर्सन की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। वहीं उनकी याचिका खारिज होने से जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है, वहीं मंजू देवी (भाजपा) के खेमे में मायुशी छा गई है।

बता दें कि सोहना नगर परिषद चेयरपर्सन पद का आम चुनाव 19 जून, 2022 को सम्पन्न हुआ था। उक्त चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अंजू देवी ने करीब 1800 मतों से जीत हासिल की थी। जबकि आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार ललिता दूसरे स्थान पर रही थी। लेकिन विजेता उम्मीदवार अंजू देवी की सीट चंद दिनों में ही विवादों से घिर गई थी। AAP उम्मीदवार ललिता ने अंजू देवी के चुनाव को गलत ठहरा कर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।

फर्जी मार्कशीट जमा करने के लगे थे आरोप

अंजु देवी पर प्रत्याशी के तौर पर नामांकन के समय फर्जी मार्कशीट जमा करके चुनाव लड़ने का आरोप लगा था। वहीं उनकी मार्कशीट राजस्थान से बनाई गई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने गुरुग्राम उपायुक्त को जांच करके समस्त रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। अदालत के आदेश पर उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया था। साथ ही दोनों पक्षों के दस्तावेज और बयान लेकर समस्त रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी थी। अदालत ने आगामी कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दे दिए थे।

हाईकोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग ने अंजू देवी को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे। जिसपर उन्होंने अपना स्पष्टीकरण भी आयोग को दिया था। लेकिन आयोग अंजू देवी के बयानों से सहमत नहीं हो सका था, और उनके चुनाव को 28 नवंबर, 2022 को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए थे। जिसके खिलाफ अंजू देवी ने आयोग के आदेशों को गलत ठहराते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेशों पर स्टे आदेश जारी कर दिए थे। आदेश के बाद प्रशासन ने अंजू देवी को 30 जनवरी, 2023 को चेयरपर्सन पद की शपथ दिला दी थी।

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