पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले ओमप्रकाश चौटाला जी सात बार विधायक, दो बार विपक्ष के नेता व एक बार राज्यसभा के सदस्य रहे : विद्रोही
आज हरियाणा का कोई दल ऐसा नही बचा हुआ है जिसमें ओमप्रकाश चौटाला की राजनीतिक नर्सरी से प्रशिक्षित नेता शामिल न हो : विद्रोही

21 दिसम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो सुप्रीमो औमप्रकाश चौटाला जी के 89 वर्ष की आयु में हुए निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए इसे हरियाणा की राजनीति के लिए अपूर्णिय क्षति बताया। विद्रोही ने कहा कि पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले ओमप्रकाश चौटाला जी सात बार विधायक, दो बार विपक्ष के नेता व एक बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वे लगभग 25 सालों तक हरियाणा की राजनीति की धुरी रहे। हरियाणा की राजनीति 1990 सेे 2014 तक उनके पक्ष-विपक्ष के इर्द-गिर्द ही घूमती रही और इस बीच के चुनावों में वे एक मुद्दा बने रहे जो अपने आपमें उनके राजनीतिक व्यक्तित्व को बताने के लिए काफी है। श्री ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में आज महत्वपूर्ण पदों पर बैठे उनके नेताओं का राजनीतिक कैरियर बनाया। आज हरियाणा का कोई दल ऐसा नही बचा हुआ है जिसमें ओमप्रकाश चौटाला की राजनीतिक नर्सरी से प्रशिक्षित नेता शामिल न हो।
विद्रोही ने कहा कि उनका ओमप्रकाश चौटाला से 1977 से राजनीतिक परिचय रहा है लेकिन यह एक संयोग रहा एक छोटे से राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में मेरा चौटाला जी से सदैव ही 36 का आंकडा रहा। इतने विरोध के बाद भी जब भी चौटाला जी से मिलना हुआ, उन्होंने मुझे सदैव ही सम्मान दिया जो बताता है कि वे अपने वैचारिक, नीतिगत विरोधी को भी आदर देना जानते थे जो आज की राजनीति से एकदम गायब है। हर व्यक्ति के अच्छे-बुरे अनुभव होते है। ओमप्रकाश चौटाला भी हरियाणा की राजनीति के एक बडे स्तंभ रहे जिसके चलते हरियाणा में उनके समर्थकों व विरोधियों की भरमार रही। श्री चौटाला जी का निधन हरियाणा की राजनीति में ऐसी अपूर्णिय क्षति है जो सदैव ही रिक्त रहेगी। उनके निधन परे विद्रोही ने उनके परिवारजनों व इनेलो नेताओं-कार्यकर्ताओं के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की कि इस अपार दुख को सहने की शक्ति उन्हे प्रदान करे व दिवंगत ओमप्रकाश चौटाला जी की आत्मा को शांति व सदगति प्रदान करे।