आधा दर्जन से अधिक किसानों की गेहूं की फसल पानी में डूबी
किसानों का आरोप नहर विभाग को किया फोन की हुई अनसुनी
किसानों की मेहनत पर फिर पानी बनेगी आर्थिक संकट की समस्या
फतह सिंह उजाला

पटौदी/ फरुखनगर। फरुखनगर क्षेत्र में किसान और जमीदारों के लिए शुक्रवार का दिन दोहरी मार वाला रहा है । दिन में तो पानी आने से नहर टूट गई और रात को आसमान से बरसात सहित ओले का कहर फूट गया । फरुखनगर क्षेत्र के खेड़ी सुल्तान की ढाणी जिसे कि अहिरान की ढाणी भी कहा जाता है। वहां अचानक नहर टूटने से नहर के बराबर में मौजूद गेहूं की खड़ी फसल पानी में डूब गई। प्रभावित और पीड़ित किसानों का आरोप है कि नहर टूटने की जानकारी मिलने पर इसके विषय में जब नहर विभाग को फोन किया गया, तो कोई सुनवाई नहीं की गई। प्रभावित और पीड़ित किसानों की मांग है नहर के पानी के साथ ही आसमानी आफत से हुई फसल के नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द सरकार के द्वारा दिया जाए।

फरुखनगर क्षेत्र में ही खेड़ी सुल्तान की ढाणी जो की अहिरन की ढाणी के रूप में भी पहचान बनाए हुए हैं। वहां के रहने वाले किसान रमेश, कृष्ण, परमवीर, गोविंद, सत्य, वेदु कुमार, राजीव इत्यादि ने बताया शुक्रवार शाम के समय मौसम खराब होने पर जब वह अपने खेतों की तरफ फसल की देखभाल के लिए पहूचे तो नहर टूटी हुई पाई गई । इस टूटी हुई नहर से पानी बहुत तेजी से नहर के साथ लगते हुए गेहूं की फसल के खेतों में बढ़ता चला जा रहा था। बिना देर किए नहर टूटने के विषय में संबंधित विभाग को फोन किए गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
किसान रमेश, परमवीर और राजीव के मुताबिक नहर टूटने के कारण करीब 25 से 30 एकड़ क्षेत्र में गेहूं की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। एक तरफ तो नहर का पानी खेतों में भर गया, दूसरा दिन भर होने वाली बरसात और आसमान से गिरे ओले को लेकर किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। आज के समय में खेती करना वास्तव में जोखिम का काम बनता जा रहा है । किसान की खेती और मेहनत पर सबसे अधिक खतरा कुदरत की मार का बना रहता है। जरूरत के समय पर किसानों को खाद बीज इत्यादि के लिए धक्के खाने पड़ते हैं। फसल बिजाई के लिए खेत तैयार करने में भी मोटा खर्चा करना पड़ रहा है । गर्मी और सर्दी के मौसम में भी किसान कड़ी मेहनत करते हुए जैसे तैसे फसल की पैदावार कर रहा है । प्रभावित और पीड़ित किसानों की प्रशासन और सरकार से मांग है कि नहरी पानी से और बरसात के पानी सहित ओले गिरने से गेहूं की फसल की जल्द से जल्द गिरदावरी करवा कर किसानों को मुआवजा देकर सरकार के द्वारा आर्थिक मदद की जाए।