बिजली निगम को दिए आदेश, जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान किया जाए ब्याज सहित

गुडग़ांव, 3 फरवरी (अशोक): बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज दीपक यादव की अदालत ने उपभोक्ता पर लगाए गए आरोपों को गलत करार देते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 7 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। रवि नगर क्षेत्र की उपभोक्ता वंदना आहूजा के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम ने उपभोक्ता का 4 अप्रैल 2019 को उसके आवास पर लगा मीटर उतारकर बिजली निगम की लेबोरेट्री में एक अक्टूबर 2019 को चैक कराया था। बिजली निगम ने उपभोक्ता पर बिजली के मीटर को टैंपर्ड कर बिजली चोरी करनेे के आरोप लगाए थे और उस पर 2 लाख 35 हजार 842 रुपए का जुर्माना लगा दिया था औैर उपभोक्ता को आदेश दिए थे कि यदि उसने जुर्माना राशि का भुगतान नहीं किया तो उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा।
अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने बिजली निगम से गुहार भी लगाई कि उसने बिजली की चोरी नहीं की है, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी और उसनेे अंत में जुर्माना राशि का भुगतान बिजली निगम को कर दिया और 13 नवम्बर 2019 को बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया। अदालत में सुनवाई हुई। जिसमें अदालत ने उपभोक्ता पर बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के आरोप को गलत पाते हुए बिजली निगम को आदेश दिए कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 7 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। अधिवक्ता का कहना है कि अब उपभोक्ता इस मामले में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध मानहानि का केस अदालत में डालने की तैयारी में जुट गई है।