उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि को 6 प्रतिशत ब्याज दर से लौटाने के दिए आदेश

गुडग़ांव, 6 फरवरी (अशोक): बिजली चोरी के मामले की बिजली निगम द्वारा निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपील की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि वह उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 6 प्रतिशत ब्याज दर से करे।

उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलेे के गांव तिघरा निवासी रघुवीर के घर 28 सितम्बर 2016 को बिजली निगम के कुछ व्यक्ति आए और कहा कि एक नियमित जांच की जा रही है। उसेे 3 अक्तूबर 2016 को सनसिटी सब डिविजन कार्यालय बुलाया और मीटर बाईपास कर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए उस पर 2 लाख 46 हजार 029 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। उसने बिजली निगम के अधिकारियों से गुहार भी लगाई लेकिन उसकी एक नही सुनी। बिजली का कनेक्शन कहीं कट न जाए, इस डर से उपभोक्ता ने पूरी जुर्माना राशि जमा करा दी थी और बिजली निगम के खिलाफ 24 अक्तूबर 2016 को अदालत में केस भी डाल दिया था। तत्कालीन सिविल जज अंतरप्रीत सिंह की अदालत ने बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए मामले को गलत पाया और बिजली निगम को आदेश दिए कि जमा कराई गई जुर्माना राशि को 6 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस किया जाए।

बिजली निगम ने निचली अदालत के आदेश को वर्ष 2019 की 8 अप्रैल को जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील कर दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील चौैहान की अदालत ने अपील को खारिज कर दिया है और बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि निचली अदालत के आदेश का पालन करते हुए उपभोक्ता को जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 6 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता बिजली निगम के अधिकारियों के विरुद्ध मानसिक रुप से प्रताडि़त करने व मानहानि का केस दायर करने की तैयारियों में जुट गया है। 

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