हरियाणा में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर पर कराए जाएं ताकि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे: विद्रोही

चंडीगढ़, रेवाड़ी, 13 फरवरी 2025: स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर पर करवाने की मांग को ठुकराने के लिए जो तर्क दिए गए हैं, वे बचकाने और भाजपा के प्रभाव में लिए गए प्रतीत होते हैं।
विद्रोही ने सवाल उठाया कि जब उत्तराखंड में भाजपा सरकार के रहते हुए वहां के राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बैलेट पेपर पर नगर निकाय चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न करवा दिए, तो हरियाणा में ऐसा करने में क्या समस्या है? यदि उत्तराखंड में यह प्रक्रिया कानून सम्मत और उचित मानी गई है, तो हरियाणा में इसे अनुचित कैसे ठहराया जा सकता है?
निर्वाचन आयुक्त की स्वतंत्रता पर उठाए सवाल
विद्रोही ने हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त से यह भी पूछा कि क्या वे बिना राज्य सरकार की अनुमति के नगर निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव स्वतंत्र रूप से करवाने का अधिकार रखते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की अनुमति न मिलने के कारण पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव दो साल की देरी से और नगर निकाय चुनाव दो से चार साल की देरी से कराए जा रहे हैं। ऐसे में, जिस राज्य निर्वाचन आयुक्त को स्वतंत्र रूप से चुनाव करवाने का अधिकार ही नहीं है, वह बैलेट पेपर और ईवीएम पर कांग्रेस को उपदेश देने की स्थिति में कैसे हो सकता है?
पानीपत नगर निगम चुनाव की तिथि पर संदेह
विद्रोही ने हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग से यह भी पूछा कि 35 नगर निकायों में से 34 के चुनाव 2 नवंबर और केवल पानीपत नगर निगम का चुनाव 9 नवंबर को कराने के पीछे क्या मंशा थी? यदि पानीपत नगर निगम का चुनाव 2 नवंबर को किसी तकनीकी कारण से संभव नहीं था, तो बाकी सभी नगर निगमों के चुनाव भी 9 नवंबर को क्यों नहीं करवाए गए?
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 34 नगर निकायों की ईवीएम को 10 दिनों तक रिकॉर्ड रूम में रखने का क्या औचित्य था? क्या इस अवधि में भाजपा द्वारा ईवीएम में छेड़छाड़ कर चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की संभावना नहीं बनती?
भाजपा के प्रभाव में काम करने का आरोप
विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त भाजपा के प्रभाव में काम कर रहे हैं और कानून सम्मत जवाब देने के बजाय वही तर्क दे रहे हैं, जो भाजपा चाहती है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाते हुए मांग की कि हरियाणा में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर पर कराए जाएं ताकि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।