महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवार केवल उनके लिए आरक्षित पदों या वार्डों में ही नहीं बल्कि हर पद या वार्ड में चुनाव लड़ने के लिए कानूनन प्राप्त रियायत के हकदार – एडवोकेट हेमंत कुमार
हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा 15 फरवरी 2025 को प्रदेश के डी.सी. को जारी स्पष्टीकरण पत्र पर सवाल

चंडीगढ़ – हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा 15 फरवरी 2025 को प्रदेश के सभी उपायुक्तों (पंचकूला, चरखी दादरी और रेवाड़ी जिलों को छोड़कर) को भेजे एक स्पष्टीकरण पत्र पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है. आयोग द्वारा जारी उपरोक्त पत्र में उल्लेख किया गया है कि नगर निकाय चुनाव लड़ने के लिए महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों को हरियाणा के दोनों नगर निकाय कानूनों के अंतर्गत जो रियायत प्राप्त हुई है, वह उन्हें केवल उस नगर निगम मेयर/ नगरपालिका परिषद या नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष / वार्डों के नगर निकाय सदस्य (जिन्हें आम भाषा में पार्षद कहा जाता है हालांकि पार्षद शब्द हरियाणा के दोनों नगर निकाय कानूनों में नहीं है) पर ही प्राप्त होगी जो उनके लिए आरक्षित हैं, अन्य ओपन/अनारक्षित पदों या वार्डों पर नहीं.
इस विषय पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून जानकार हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा जारी हुई उपरोक्त स्पष्टीकरण पूर्णतया कानूनन गलत है क्योंकि न तो हरियाणा म्युनिसिपल कानून, 1973, जो प्रदेश की सभी नगरपालिका परिषदों (म्युनिसिपल कौंसिल) और नगरपालिका समितियों (म्युनिसिपल कमेटी) पर लागू होता है की धारा 8 में और न ही हरियाणा नगर निगम कानून, 1994, जो प्रदेश की सभी नगर निगमों पर लागू होता है, की धारा 13 ए में ऐसा उल्लेख किया गया है कि सम्बंधित नगर निकाय के पदों या वार्ड सदस्यों का चुनाव लड़ने के लिए महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में जो रियायत प्रदान है, वह केवल उन्हें उनके लिए आरक्षित नगर निकाय के पदों या वार्डों में ही प्राप्त होगी अन्य ओपन/अनारक्षित पदों या वार्डों में नहीं. इस प्रकार निर्वाचन आयोग द्वारा 15 फरवरी को जारी स्पष्टीकरण पत्र सम्बंधित कानूनी धाराओं का सही विवेचन/व्याख्या नहीं है.

हेमंत ने बताया कि आज से 9 वर्ष पूर्व 2016 में हरियाणा म्युनिसिपल कानून, 1973 और हरियाणा नगर निगम कानून, 1994, की संबंधित धाराओं में संशोधन के बाद प्रावधान कर दिया गया था कि नगर निगम मेयर अथवा नगरपालिका परिषद एवं नगरपालिका समिति के अध्यक्ष का निर्वाचन लड़ने वाले और वार्डों से नगर निकाय सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए भावी उम्मीदवार को न्यूनतम मेट्रिक (दसवीं ) पास होना आवश्यक है. अनुसूचित जाति (एस.सी. ) वर्ग के पुरुष और हर वर्ग की महिला के लिए मेयर, न.प. अध्यक्ष और न.पा. वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम आठवीं पास होना आवश्यक है. वहीं केवल वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने वाली अनुसूचित जाति वर्ग की महिला उम्मीदवार के लिए पांचवी पास होना ही पर्याप्त है. पिछड़ी जाति (बीसी वर्ग या एवं वर्ग बी दोनों ) के पुरुष/महिला के उम्मीदवार के लिए कोई रियायत नहीं है एवं उन पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशी के तौर पर ही उपरोक्त शैक्षणिक योग्यता के पैमाना लागू होंगे.
हेमंत का कहना है कि अगर हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा 15 फरवरी 2025 को जारी स्पष्टीकरण पत्र को सही माना जाए, तो इसका अर्थ यह होता कि एक सामान्य वर्ग की कोई महिला अगर महिलाओं के लिए आरक्षित मेयर पद या न.प. अथवा न.पा. अध्यक्ष का पद का चुनाव लडती है, तो उसका न्यूनतम आठवीं पास होना ही पर्याप्त है जबकि अगर वही महिला ओपन /अनारक्षित मेयर पद या न.प. अथवा न.पा. के अध्यक्ष का पद का चुनाव लडती है तो उसे कोई रियायत नहीं मिलेगी एवं उसे कम से कम दसवीं पास होना अनिवार्य होगा. इसी प्रकार हालांकि वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ने वाली अनुसूचित जाति वर्ग की महिला उम्मीदवार के लिए अपने वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड में चुनाव लड़ने के लिए पांचवी पास होना ही पर्याप्त है जबकि अगर वह ओपन /अनारक्षित मेयर पद या न.प. अथवा न.पा. के अध्यक्ष का पद का चुनाव लडती है, तो उसे आठवीं ( अगर वह वार्ड ओपन महिला वर्ग के लिए है) पास होना होगा या फिर दसवीं ( अगर वह वार्ड पूर्णतया ओपन है) पास होना पड़ेगा. महिला और अनुसूचित जाति वर्ग ( अनुसूचित जाति वर्ग महिला सहित) के लिए योग्यता के लिए अलग अलग पैमाने सर्वथा गलत है.