गुरुग्राम, 2 मार्च 2025 – हरियाणा नगर निकाय चुनाव में इस बार मतदाता उत्साह नहीं दिखा पाए, जिससे मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा। चुनाव विभाग के ई-डैशबोर्ड के अनुसार, कुल 51,06,134 मतदाताओं में से 22,51,961 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिससे मतदान प्रतिशत महज 44.1% रहा।

कम मतदान के प्रमुख कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, मतदान में कमी के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

  1. राजनीतिक दलों के प्रति जनता में मोहभंग – जनता को उम्मीद थी कि निकाय चुनाव में नए मुद्दे उठेंगे, लेकिन प्रचार में वही पुराने वादे दोहराए गए।
  2. स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता – लोग मानते हैं कि नगर निकाय चुनावों से उनके जीवन में कोई खास बदलाव नहीं आएगा, जिससे वे मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंचे।
  3. शहरी क्षेत्रों में जागरूकता की कमी – बड़े शहरों में व्यस्त जीवनशैली और राजनीतिक उदासीनता भी कम मतदान का कारण बनी।
  4. सरकार के प्रति असंतोष – कई जगहों पर मतदाताओं ने यह भी कहा कि वे सरकार की नीतियों से नाखुश हैं, इसलिए मतदान में रुचि नहीं दिखाई।

जिलों के मतदान प्रतिशत में बड़ा अंतर

हरियाणा के कुछ जिलों में मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा, तो कुछ जिलों ने अच्छी भागीदारी दिखाई:

  • फरीदाबाद में सिर्फ 37.8% मतदान हुआ, जो न्यूनतम रहा।
  • सोनीपत में भी मात्र 29.1% मतदान दर्ज किया गया।
  • गुरुग्राम में 42.2% मतदान हुआ, जो औसत से थोड़ा बेहतर रहा।
  • वहीं, फतेहाबाद (85.2%), महेंद्रगढ़ (81.6%), और भिवानी (81%) में मतदान काफी अच्छा रहा।

मतदान बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और चुनाव आयोग को मतदाता जागरूकता अभियान और डिजिटल प्रचार को बढ़ावा देना होगा। युवाओं और शहरी मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ने के लिए नई रणनीति अपनानी होगी।

इस निकाय चुनाव के नतीजे यह भी तय करेंगे कि जनता की नाराजगी कितनी प्रभावी है और क्या कम मतदान से किसी विशेष दल को फायदा मिलेगा या नुकसान होगा।

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