कहा- कोरी बयानबाजी छोड़कर किसानों को हुए नुकसान का भुगतान करे बीजेपी सरकार

फलल बीमा योजना के भुगतान में 90% की गिरावट किसानों के जख्मों पर नमक के समान- हुड्डा

file photo

चंडीगढ़, 3 मार्च । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश में लगातार तीन दिन हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते 12 जिलों में गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं की खड़ी फसल खेतों में पूरी तरह बिछ गई है। वहीं सरसों के दाने भी झड़ गए हैं। इसके अलावा पशु चारा, सब्जियां व प्याज जैसी कई फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार को कोरी बयानबाजी छोड़कर तुरंत किसानों को हुए नुकसान की गिरदावरी करवानी चाहिए और उन्हें उचित मुआवजा देना चाहिए।

जनवरी में भी ओलावृष्टि के चलते फसलों को भारी नुकसान हुआ था। उस समय कांग्रेस द्वारा मांग उठाए जाने के बाद सरकार ने गिरदावरी का ऐलान तो किया। लेकिन ना सरकार ने गिरदावरी करवाई और ना ही मुआवजा दिया। 1763 गांव के 5299 किसानों ने खराब हुई 2.6 लाख एकड़ फसलों का ब्यौरा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाला था। लेकिन अब तक सरकार ने 2.03 लाख एकड़ फसल का वेरिफिकेशन तक नहीं करवाया। इसी तरह हरेक सीजन में किसानों को किसी न किसी तरह की आपदा झेलनी पड़ रही है और सरकार सिर्फ मीडिया में हवाहवाई बयान बाजी करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है।

हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी सिर्फ कंपनियों के लिए मुनाफा कूटने का जरिए बन गई है। खुद केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि बीमा दावों के भुगतान में 90% की भारी गिरावट आई है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में जहां किसानों को ₹2,496.89 करोड़ का भुगतान हुआ, वहीं 2023-24 में यह गिरकर सिर्फ ₹224.43 करोड़ रह गया। यानी भुगतान में जो 90% से अधिक की बड़ी गिरावट आई है। बीमा दावों के निपटान में इतनी बड़ी गिरावट किसानों के जले पर नमक छिड़कने के समान है। फसल बीमा योजना किसानों की कमाई लूटकर निजी बीमा कंपनियों की तिजोरी भरने वाली योजना बन गई है।

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