
गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: हरियाणा में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने के कितने ही दावे कर ले, लेकिन प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। भले ही राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) आए दिन भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़कर जेल भेज रही हो, लेकिन फिर भी सरकारी महकमों में रिश्वतखोरी और अवैध लेन-देन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। खासकर जब प्रभावशाली और रसूखदार अधिकारी खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हों, तो आम नागरिकों की शिकायतें भी बेअसर हो जाती हैं।
ऐसा ही एक गंभीर मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) टू, गुरुग्राम से सामने आया है, जहां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अधूरे निर्माण कार्यों को भी OC (ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट) दे दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, HSVP टू कार्यालय में तैनात कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से सेक्टर-52 स्थित प्लॉट नंबर 5पी और 6पी पर बने गेस्ट हाउस (होटल) को गलत तरीके से निर्माण की मंजूरी दे दी गई।
कैसे हुआ घोटाला?
- नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से कंप्लीशन पार्टी को OC जारी कर दिया गया।
- निर्माण में सभी वेंटिलेशन बंद कर दिए गए, जिससे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ।
- नियमों के अनुसार छोड़े जाने वाले छज्जे भी पूरी तरह कवर कर दिए गए।
- पहले भी जब इस गेस्ट हाउस की फाइल OC के लिए JE (जूनियर इंजीनियर) के पास आई थी, तो एक JE ने गलत निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया था।
- सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दो अलग-अलग प्लॉट्स को एक ही दीवार से जोड़कर एक संरचना के रूप में बना दिया गया, बिना बीच में कोई दीवार बनाए।
क्या कहते हैं अधिकारी?
जब इस मामले में HSVP विभाग के एसडीओ (सर्वे टू) ज्ञानचंद सैनी से बात की गई, तो उन्होंने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताकर पल्ला झाड़ लिया और योगेश नामक अधिकारी से जानकारी लेने को कहा। जब योगेश से संपर्क किया गया, तो उन्होंने भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया, जिससे संदेह और गहरा हो गया।
क्या होगा अगला कदम?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी इस गड़बड़ी को संज्ञान में लेकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे या फिर यह मामला भी मिलीभगत और लेन-देन की भेंट चढ़ जाएगा? प्रदेश के उच्च अधिकारियों तक यह मामला पहुंच चुका है, लेकिन अब देखना होगा कि वे इसे गंभीरता से लेकर कार्रवाई करते हैं या फिर इस फाइल को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
हरियाणा में भ्रष्टाचार खत्म करने के दावों की हकीकत यह है कि अधिकारी बड़े रसूखदारों और पैसे वालों के दबाव में आकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे आम जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यदि जल्द ही इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो HSVP विभाग की साख पर एक और बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा।