हरियाणा बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्षा सुमन सैनी ने किया खिलाडिय़ों व महिलाओं को सम्मानित, उपाध्यक्षा सुमन सैनी ने बंसी वाला वृद्धाश्रम में आयोजित अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में की शिरकत

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

लाडवा, 9 मार्च: हरियाणा बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्षा सुमन सैनी ने कहा कि यदि हम दुनिया को सुंदर, सशक्त और सुदृढ़ रूप में देखना चाहते हैं, तो उसमें महिलाओं का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। यदि हमें विकसित भारत बनाना है, तो महिलाओं की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का थीम ‘लैंगिक समानता के लिए कार्य में तेजी लाना’ है, जिसे साकार करने के लिए लिंगानुपात में सुधार और लैंगिक समानता को केवल नारा नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनाना होगा।

उपाध्यक्षा सुमन सैनी गत देर सायं बंसी वाला वृद्धाश्रम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने लाडवा के प्रसिद्ध खिलाड़ियों, समाजसेवी कार्यकर्ताओं और महिलाओं को सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर उनका सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता और संकल्प दोनों है। पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में महिलाओं के प्रति वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन आया है और उनका सम्मान भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि जब वर्तमान सरकार ने प्रदेश की बागडोर संभाली थी, तब हरियाणा में लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या की स्थिति अत्यंत चिंताजनक थी।

उपाध्यक्षा सुमन सैनी ने कहा कि हरियाणा को पहले बेटियों को मारने वाले प्रदेश के रूप में देखा जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पानीपत की ऐतिहासिक धरती से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत के बाद से प्रदेश का लिंगानुपात वर्ष 2014 के 871 से बढ़कर अब 916 हो गया है। आज हरियाणा को बेटियों को आगे बढ़ाने वाले प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि हरियाणा की बेटियाँ खेलों में पदक जीत रही हैं और सेना में जाकर देश की रक्षा कर रही हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है। अंत में, उन्होंने समाज से अपील की कि वह महिलाओं के उत्थान और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में सक्रिय योगदान दें।

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