– गरीबों के खातों में पहुंचेगी सहायता राशि, भर्ती घोटाले पर निशाना, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के सफल परिणाम

चंडीगढ़, 18 मार्च: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज कई अहम मुद्दों पर बयान देते हुए सरकार की योजनाओं और नीतियों का खाका पेश किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, 2008 के पुलिस भर्ती घोटाले और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के प्रभाव को लेकर विस्तृत जानकारी दी।

प्रधानमंत्री आवास योजना – 70,000 लाभार्थियों को जल्द मिलेगी सहायता राशि

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत गरीबों को मकान बनाने के लिए अब तक वेरीफाई किए गए लगभग 70,000 लाभार्थियों के खातों में 150 करोड़ रुपये की राशि 20 मार्च तक स्थानांतरित कर दी जाएगी

उन्होंने विधानसभा में विधायक शीशपाल केहरवाल के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि यह योजना गरीबों को आवास सुविधा देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी है। सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है, जिस पर आवेदकों का पंजीकरण और सत्यापन किया जाता है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीबों को उनका हक बिना किसी देरी के मिले।

2008 का पुलिस भर्ती घोटाला – युवाओं के साथ अन्याय

मुख्यमंत्री ने 2008 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई हरियाणा पुलिस निरीक्षक भर्ती को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में युवाओं के साथ अन्याय हुआ, जिसे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में अनुचित ठहराया

उन्होंने आरोप लगाया कि योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर गलत तरीके से अन्य लोगों को भर्ती किया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हाल ही के विधानसभा चुनावों में युवाओं को बहकाने की कोशिश की गई और “50 वोट दो, एक नौकरी पक्की” जैसे वादे किए गए, जो सरासर झूठे थे।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान का दिखा असर – लिंगानुपात 910 तक पहुंचा

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 जनवरी 2015 को पानीपत से शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस अभियान के प्रभाव से हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार हुआ है। 2015 में यह 835 था, जो अब बढ़कर 910 हो गया है

उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना जगाने के लिए था। राज्य सरकार ने इसे प्रभावी रूप से लागू किया और बेटियों को बचाने के लिए कड़े कदम उठाए।

पेंशन योजना में पारदर्शिता – अब नहीं करना होगा इंतजार

मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले कांग्रेस सरकार के समय वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में बुजुर्गों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब सरकार ने स्वचालित प्रणाली लागू कर दी है, जिससे जैसे ही कोई नागरिक 60 वर्ष की आयु पूरी करता है, उसकी पेंशन ऑटोमैटिक बन जाती है। अब किसी बुजुर्ग को पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।

सरकार के दावे और विपक्ष के सवाल

मुख्यमंत्री के इन बयानों के बाद विपक्ष ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और सरकार से योजनाओं को और प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की। बजट सत्र में आगे भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है।

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