चंडीगढ़, 21 मार्च – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने प्रदेश में और अधिक व्यापार-अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देने के लिए अनुपालन बोझ और विनियमन को कम करने पर बल दिया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनुपालन बोझ और विनियमन को कम करने से संबंधित एक कार्यशाला में बोलते हुए, उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

प्रकोष्ठ बनाने का स्वागत करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सभी राज्यों को शामिल करके औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करना और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाना है।

मुख्य सचिव ने वर्ष 2047 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के हरियाणा के महत्वाकांक्षी विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह की प्रमुख पहल आर्थिक विकास और निवेश प्रोत्साहन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

यह कार्यशाला हरियाणा के औद्योगिक विकास को बढ़ाने और राज्य में व्यापार संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यशाला के दौरान हुई चर्चा और सुझावों से निवेशक-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए आगे के सुधारों के साथ- साथ रणनीतिक सुधार और कार्य योजना की नींव भी मजबूत हुई है।

केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय) श्रीमती वंदना गुरनानी और हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डी. सुरेश ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रदेश की सक्रिय औद्योगिक नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अनुकूल कारोबारी माहौल सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों में सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. डी. सुरेश ने राज्य में और अधिक व्यापार-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विभागों में समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता जताई।

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