चंडीगढ़, 03 अप्रैल। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) के 30 मार्च 2025 को आयोजित चुनाव को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। आईओए ने इस चुनाव में कोई पर्यवेक्षक भी नहीं भेजा था। हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) ने चुनाव को रद्द कर नए सिरे से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (आईओसी) के संविधान ओलंपिक चार्टर और आईओए के नियमों के अनुसार दोबारा चुनाव कराने की मांग की है।

एचसीए ने आरोप लगाया है कि एचओए चुनाव में महिला शक्ति की अनदेखी की गई है। संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा सांसद पीटी उषा और खेल मंत्रालय से इसकी शिकायत की है। एचसीए ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।

महिला शक्ति के अधिकार का उल्लंघन

भारतीय ओलंपिक संघ के नियमों के अनुसार, प्रत्येक खेल फेडरेशन में अध्यक्ष और महासचिव में से एक का महिला होना अनिवार्य है। साथ ही, प्रत्येक स्टेट खेल एसोसिएशन को दो वोट देने का अधिकार है – एक महिला और एक पुरुष। लेकिन हरियाणा ओलंपिक संघ के चुनाव में अधिकांश एसोसिएशनों में महिला पदाधिकारी नहीं थीं।

चुनाव की वैधता पर सवाल

पेरिस इंटरनेशनल ओलंपिक 2024 से शतरंज एशिया महाद्वीप के महासचिव ब्रह्मचारी कुलदीप शतरंज ने बताया कि आईओसी और आईओए के संविधान के खिलाफ जाकर एचओए चुनाव में महिला शक्ति के अधिकार का उल्लंघन किया गया। पंचकूला के सेक्टर 3 स्थित ओलंपिक भवन में हुए चुनाव में महिला शक्ति की अनदेखी को लेकर विरोध तेज हो गया है।

न्यायालय में चुनौती

एचसीए ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस चुनाव को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

महिला सशक्तिकरण की पहल

ब्रह्मचारी कुलदीप शतरंज ने कहा कि नेशनल शतरंज फेडरेशन में महिला और पुरुष शक्ति को बराबर अधिकार देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। इसी वर्ष होने वाले चुनाव में प्रधान और महासचिव पद पर महिला और पुरुष को समान अवसर प्रदान किया जाएगा।

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