— वेदप्रकाश विद्रोही बोले, “यह जनता की जेब पर सीधा डाका है”

चंडीगढ़,रेवाड़ी, 8 अप्रैल 2025 – चुनाव खत्म होते ही जनता पर महंगाई की चौतरफा मार पड़नी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और बिजली की दरों में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी ने आमजन की कमर तोड़ दी है। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने इसे ‘जनता की खुली लूट’ करार देते हुए केंद्र की मोदी-भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।
विद्रोही ने कहा कि उज्ज्वला योजना, घरेलू उपयोग और कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में प्रति सिलेंडर ₹50 की बढ़ोतरी सीधे-सीधे हर वर्ग पर आर्थिक बोझ बनकर टूटी है। उन्होंने बताया कि अब तक ₹803 में मिलने वाला गैस सिलेंडर ₹853 में मिलेगा, जबकि हरियाणा में यह ₹859 से ₹872 तक पहुंच गया है।
इतना ही नहीं, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ₹2 प्रति लीटर और सीएनजी पर ₹1 प्रति किलो की वृद्धि ने परिवहन और आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने की आशंका को बल दिया है। पेट्रोल पर अब एक्साइज ड्यूटी ₹21.90 और डीजल पर ₹17.80 प्रति लीटर हो गई है।
विद्रोही ने कटाक्ष करते हुए कहा, “सरकार दावा कर रही है कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ेगा, पर सच्चाई यह है कि इसका पूरा फायदा पेट्रोलियम कंपनियों को दिया जा रहा है। यानी आम जनता के हिस्से की राहत, मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को सौंप दी है।”
उन्होंने आगे कहा कि विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतें पिछले चार वर्षों के न्यूनतम स्तर पर हैं, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं किए। उल्टा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए करों में बढ़ोतरी कर दी। विद्रोही का आरोप है कि इससे अंबानी जैसी बड़ी रिफाइनरी कंपनियों को हजारों करोड़ का मुनाफा होगा, जबकि जनता की जेब कटेगी।
चुनाव के बाद एक के बाद एक फैसलों से जैसे आम जनता पर महंगाई का तूफान टूट पड़ा हो। टोल टैक्स में ₹5 से ₹25 तक की वृद्धि, सीएनजी-डीजल-पेट्रोल में दाम बढ़ाना, हरियाणा में बिजली की दरों में ₹0.67 से ₹0.87 प्रति यूनिट की वृद्धि और स्टांप ड्यूटी में बढ़ोतरी ने लोगों को हतप्रभ कर दिया है।
विद्रोही ने तीखे शब्दों में कहा, “भाजपा सरकार का चेहरा अब बेनकाब हो गया है। जनता से वोट लेने के बाद उसे महंगाई के नरक में धकेला जा रहा है। यह सरकार मुनाफाखोरी और जनविरोधी नीतियों की प्रतीक बन गई है।”
उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस जनविरोधी नीति के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें, ताकि लोकतंत्र में जनता की भूमिका केवल ‘वोटर’ की न रह जाए, बल्कि ‘वॉचडॉग’ की भी हो।
???? महंगाई की मार: मुख्य आंकड़े एक नजर में
मद | पहले का रेट | अब का रेट | बढ़ोतरी |
---|---|---|---|
घरेलू गैस सिलेंडर (दिल्ली) | ₹803 | ₹853 | ₹50 |
घरेलू गैस सिलेंडर (हरियाणा) | ₹859 | ₹872 | ₹13 |
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी | ₹19.90 | ₹21.90 | ₹2.00 |
डीजल पर एक्साइज ड्यूटी | ₹15.80 | ₹17.80 | ₹2.00 |
सीएनजी (प्रति किलो) | ₹75 (औसतन) | ₹76 | ₹1.00 |
बिजली दर (हरियाणा) | ₹6.45/यूनिट | ₹7.12/यूनिट | ₹0.67 |
टोल टैक्स (प्रति वाहन) | ₹75 (औसतन) | ₹80–₹100 | ₹5–₹25 |
स्टांप ड्यूटी (हरियाणा) | 5% | 6% | +1% |
???? सरकार की सफाई:
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर कंपनियों को राहत दी गई है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव का बोझ उपभोक्ताओं पर न पड़े।”
लेकिन विद्रोही का कहना है कि “यह सफाई नहीं, मुनाफाखोरी का खुला दस्तावेज है। जब क्रूड सस्ता हो तो दाम नहीं घटते और जब महंगा हो तो टैक्स जनता से वसूला जाता है।”