मांगों को लेकर व महंगाई के खिलाफ 10 अप्रैल को होगी पाबड़ा में किसान मजदूर पंचायत

8 अप्रैल,अखिल भारतीय किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन व सीटू ने केंद्र सरकार द्वारा फिर से रसोई गैस सिलेंडर पर 50 रुपए और पैट्रोल- डीजल पर 2 रुपए अधिभार लगाकर लोगों के ऊपर महंगाई का और बोझ बढ़ाने का कदम बताया। किसान सभा के उपाध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया, तहसील सचिव दयानंद ढूकिया,खेत मजदूर यूनियन के जिला प्रधान मियां सिंह बिठमड़ा, सीटू के उपाध्यक्ष रामकुमार जांगड़ा व राधेश्याम ने रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी करने की कड़ी आलोचना करते हुए बढ़ाए गए दामों को तुरंत वापस लेने की मांग की। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि हरियाणा विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान स्वयं प्रधान मंत्री मोदी ने लोगों को 500 रुपए में रसोई गैस का सिलेंडर देने का वायदा किया था। परन्तु अब मोदी सरकार ने इसके उलट फैसला लिया है। बढ़ती महंगाई के बोझ से मेहनतकश लोगों की कमर टूट गई है।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट हो जाने के चलते पैट्रोल डीजल की कीमतों को कम करके लोगों को राहत मिलनी चाहिये थी लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा करने की बजाय तेल पर अधिभार लगा दिया है।मोदी सरकार कह रही है कि इससे लोगों पर कोई असर नहीं पड़े़गा। यह कथन गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं है।मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई बार पैट्रोल , डीजल व रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी की है और लाखों करोड़ रुपए एकत्रित किये हैं। लोगों की जेब काटकर तेल कम्पनियों को फायदा पहुंचाया गया है। आम लोग महंगाई से बेहद परेशान हैं और तनाव में हैं। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण एक तो लोग कम आमदन व बेरोजगारी से जूझ रहे हैं और दूसरी तरफ इसका आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे हालात में लोगों का जीवन संकटग्रस्त हो गया है।

बहुत हुई महंगाई की मार .. का नारा देने वाली भाजपा सरकार से किसान मजदूर नेताओं ने मांग की है कि वह पूंजीपतियों की चिन्ता छोड़ कर महंगाई से जूझ रही जनता की ओर ध्यान दे। पैट्रोल- डीजल के नाम पर जनता पर थोपे गए करों को हटाया जाए तथा सभी आम लोगों को पहले की तरह साल में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जाएं और तुरंत प्रभाव से बढा़ए गए दामों को वापस लिया जाए।

उन्होंने बताया महंगाई पर अंकुश लगाने, एम एस पी की कानूनी गारंटी, बिजली निजीकरण न करने, स्मार्ट मीटर लगाने की नीति रद्द करने, नहरों में पहले की तरह दो सप्ताह पानी देने, फसलों का बकाया मुआवजा देने, पैंडिंग बिजली ट्यूबवैल कनैक्शन देने,लेबर कोड रद्द करने, मनरेगा को खेती से जोड़ने, सरकारी हस्पतालों में डाक्टरों व मशीनों का प्रबंध करने आदि मांगों को लेकर व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 10 मई को पाबड़ा में किसान मजदूर पंचायत की जाएगी।

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