बिजली-पानी की किल्लत से त्रस्त किसान, मंडियों में भी बेहाल

चंडीगढ़,रेवाड़ी, 20 अप्रैल 2025 – स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि भीषण गर्मी में ग्रामीण किसानों पर बिजली और पानी की दोहरी मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार गांवों को 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर बिजली निगम ने भीषण गर्मी में 8-8 घंटे के घोषित पावर कट थोप दिए हैं, जिससे ग्रामीण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

विद्रोही ने बताया कि दक्षिणी हरियाणा बिजली निगम ने 18 अप्रैल 2025 को आदेश (नं. 294 एसई, 50-221/वीओएल, एक्सएक्सआई) जारी कर दिल्ली और हिसार जोन में अलग-अलग समय पर 16-16 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली जोन में सांय 6:30 बजे से सुबह 6 बजे तक और दोपहर 11:15 से 3:45 बजे तक बिजली कटौती की जाएगी, वहीं हिसार जोन में रात 7 बजे से सुबह 6:30 बजे तक और दोपहर 12 से 4:30 बजे तक बिजली बंद रहेगी।

उन्होंने कहा कि यह तो केवल घोषित कटौती है, जबकि अघोषित कटौती का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इस स्थिति में ग्रामीणों की परेशानियों को सहज ही समझा जा सकता है। इसके साथ ही दक्षिणी हरियाणा के कई क्षेत्रों में पीने के पानी की भारी किल्लत भी बनी हुई है।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि बिजली के तारों में आग लगने के चलते कई जगहों पर किसानों की खड़ी फसल जलकर राख हो गई, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं मंडियों में फसलों की समय पर खरीद न होने के कारण किसान कई-कई दिन खुले आसमान के नीचे रहकर नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के सुशासन के दावों की पोल खुल चुकी है। एक ओर जहां ग्रामीण तपती गर्मी में पानी और बिजली के लिए तरस रहे हैं, वहीं मंडियों में फसलों की खरीद में लापरवाही से किसान आर्थिक और मानसिक रूप से टूट रहे हैं।

“भीषण गर्मी में किसान और ग्रामीण जन चौतरफा संकट में हैं और सरकार उन्हें राहत देने की बजाय उनके जीवन को और अधिक कठिन बना रही है,” विद्रोही ने कहा।

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