रेवाड़ी/ गुरुग्राम/नई दिल्ली, 22 अप्रैल 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने अमेरिका यात्रा के दौरान बोस्टन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए इसे लोकतंत्र, संविधान और जनादेश की रक्षा के लिए किया गया गंभीर प्रयास बताया।

विद्रोही ने कहा कि केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि हरियाणा में भी चुनाव आयोग ने भाजपा से मिलकर चुनावी धांधली की है। उन्होंने दावा किया कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में देखने को मिला, जब मतगणना से ठीक 10-12 घंटे पहले चुनाव आयोग ने संशोधित मतदान प्रतिशत जारी किया, जिसमें सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में 1 से 11 प्रतिशत तक अचानक मतदान बढ़ा हुआ दिखाया गया।

“हरियाणा जैसे छोटे राज्य में, जहां सभी मतदान केंद्रों की ईवीएम मशीनें और आंकड़े समय रहते मतगणना केंद्रों तक पहुंच चुके थे, वहां अंतिम समय में मतदान प्रतिशत बढ़ाना सीधी चुनावी हेराफेरी नहीं तो और क्या है?” — वेदप्रकाश विद्रोही

चुनाव आयोग पर जवाब न देने का आरोप

विद्रोही ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के जिन उम्मीदवारों ने मतदान प्रक्रिया, ईवीएम बैटरी और आंकड़ों की हेराफेरी की लिखित शिकायतें चुनाव आयोग को दी थीं, उन्हें आज तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि साढ़े छह महीने बीत जाने के बावजूद आयोग ने न तो मांगे गए डाटा उपलब्ध कराए, न ही मतदान केंद्रों के वीडियो।

“उल्टा, मोदी सरकार और चुनाव आयोग ने नियमों में बदलाव करके ऐसे कानून बना दिए हैं जिससे अब मतदाता, उम्मीदवार या पार्टी कोई भी जानकारी मांग ही न सके।” — विद्रोही

“राहुल गांधी के आरोप भाजपा की पोल खोलते हैं”

विद्रोही ने कहा कि राहुल गांधी के आरोप भाजपा की मिलीभगत और फर्जीवाड़े की परतें खोल रहे हैं, जिससे भाजपा और उससे जुड़ी संस्थाएं बौखलाहट में उन्हें देशद्रोही कहने जैसी घिनौनी राजनीति पर उतर आई हैं।

“मोदी-भाजपा-संघी सरकार, उनके मंत्री, सांसद, विधायक, और गोदी मीडिया, आज़ादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा कुर्बानियां देने वाले नेहरू-गांधी परिवार के उत्तराधिकारी राहुल गांधी को देशद्रोही कहकर लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं।” — वेदप्रकाश विद्रोही

संविधान को फासिज्म में बदलने की साजिश का आरोप

विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और भाजपा लोकतंत्र की मूल आत्मा को खत्म करके देश को संघी फासिज्म की ओर धकेल रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग चुके हैं और जनता को अब सजग रहकर संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आना होगा।

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