– विपक्ष को विश्वास में लेकर बनाई जाए साझा रणनीति, प्रधानमंत्री करें राहुल गांधी से वन-टू-वन बैठक –

चंडीगढ़, रेवाड़ी, 24 अप्रैल। स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि अब वक्त आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर सरकार को ऐसा ठोस कदम उठाना चाहिए, जिससे पाकिस्तान दोबारा भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने की हिम्मत न कर सके।
विद्रोही ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद 2019 में की गई एयर स्ट्राइक से पहले विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया था, जिसके चलते वह कार्रवाई अपेक्षित असर नहीं छोड़ सकी। उन्होंने कहा कि अब जब पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ है, तो केंद्र सरकार को यदि कोई कठोर कदम उठाना है तो उससे पहले विपक्ष को पूरी तरह से विश्वास में लिया जाना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं विपक्ष के नेता राहुल गांधी से वन-टू-वन बैठक कर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति पर व्यापक चर्चा करनी चाहिए। ऐसा करने से न केवल कार्रवाई ज्यादा प्रभावी होगी, बल्कि देश के भीतर एकजुटता का संदेश भी जाएगा।
विद्रोही ने कहा, “पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, इस पर देश में कोई दो राय नहीं है। यदि केंद्र सरकार विपक्ष को विश्वास में लेकर साझा रणनीति बनाती है, तो इससे राष्ट्रीय एकता भी मजबूत होगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का रुख दृढ़ दिखाई देगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक कर सरकार ने सकारात्मक पहल की है, लेकिन यदि इसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री मोदी करते तो यह और प्रभावी होती। विद्रोही ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह विपक्ष को विश्वास में लेने का केवल दिखावा कर रहे हैं, जबकि वास्तविक संवाद की जरूरत है।
अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे निजी अहंकार त्यागकर विपक्ष के नेता से सीधी बातचीत करें और एक प्रभावी राष्ट्रीय नीति बनाएं। “तभी पाकिस्तान को करारा जवाब मिलेगा और देश में एकजुटता के साथ सरकार के कदमों का समर्थन होगा,” उन्होंने कहा।