– षडदर्शन साधुसमाज ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए दी देशवासियों को एकजुटता की पुकार

संजीव कुमारी, कुरुक्षेत्र।

कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य कृत्य में मारे गए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि देते हुए षडदर्शन साधुसमाज के संतों ने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रव्यापी एकजुटता का आह्वान किया है।

संस्था के संरक्षक महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि महाराज ने हमले की तीव्र निंदा करते हुए कहा, “यह हमला केवल निर्दोष नागरिकों पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, एकता और शांति पर सीधा प्रहार है।” उन्होंने कहा कि इस त्रासदी ने समस्त संत समाज को व्यथित और चिंतित कर दिया है।

श्रीमहंत बंशी पुरी महाराज ने आक्रोश जताते हुए कहा, “जो लोग कश्मीर की वादियों में सुकून तलाशने गए थे, उन्हें गोलियों से भून देना कायरता की पराकाष्ठा है।”
परमहंस ज्ञानेश्वर ने इस हमले को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ बताते हुए कहा, “इन निर्दोष नागरिकों की शहादत ने हमें अंदर तक झकझोर दिया है। आतंकवाद अब किसी सीमित क्षेत्र की समस्या नहीं, यह हर भारतीय नागरिक के लिए खतरा बन चुका है।”

महंत महेश मुनि ने कहा, “पहलगाम में मारे गए यात्री अब केवल किसी राज्य विशेष के नहीं, बल्कि समूचे भारत की असहनीय पीड़ा बन चुके हैं। आतंकवाद अब हमारे दरवाज़ों तक पहुँच चुका है।”
महंत गुरुभगत सिंह, महंत ईश्वर दास, महंत लक्ष्मीनारायण पुरी, महंत देवी शरण, महंत सुनील दास, महंत तरण दास, महंत राम अवतार दास, महंत सर्वेश्वरी गिरि, संगठन सचिव वैद्य पंडित प्रमोद कौशिक, और अन्य संतों ने भी गहरा दुख और रोष प्रकट करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रकट कीं।

संत समाज ने शहीद नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “आज देश की आत्मा रो रही है, लेकिन इसी वेदना से एक नई चेतना भी जन्म ले रही है — एकजुटता की, संकल्प की, और आतंक के खिलाफ निर्णायक युद्ध की।”

महामंडलेश्वर विद्यागिरि महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारे नागरिकों पर हुआ यह हमला हमें कमजोर नहीं, बल्कि और दृढ़ बनाएगा। भारत नफरत की ताकतों को दिखा देगा कि उसकी आत्मा को कुचला नहीं जा सकता।” उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे आतंक के विरुद्ध सरकार और सुरक्षाबलों के साथ खड़े होकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करें।

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