
गुरुग्राम: राज्य शिक्षा निदेशालय द्वारा बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन आदेशों के तहत सभी जिलों में क्लस्टर स्तर पर टीमें गठित कर दी गई हैं, जिन्हें ऐसे स्कूलों की पहचान कर उन्हें बंद कराने का जिम्मा सौंपा गया है। निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी क्षेत्र में अवैध रूप से कोई शिक्षण संस्थान संचालित होता पाया गया, तो संबंधित क्लस्टर प्रभारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर, जो लंबे समय से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के विरुद्ध आवाज़ उठा रहे हैं, ने कहा कि गुरुग्राम में ऐसे कई संस्थान बिना किसी अनुमति के धड़ल्ले से चल रहे हैं और अब समय आ गया है कि उन पर कार्रवाई हो।
बिना अनुमति प्ले स्कूलों का गोरखधंधा भी होगा बंद?

गुरिंदरजीत सिंह ने चिंता जताई कि गुरुग्राम में प्ले स्कूलों के नाम पर अवैध संस्थान खुलेआम चल रहे हैं। इनमें से कई संस्थानों के पास आवश्यक अनुमति, फायर एनओसी या इन्फ्रास्ट्रक्चर की मान्यता नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर फरीदाबाद जैसी कोई दुर्घटना गुरुग्राम में घटती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”
शिक्षा विभाग ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि प्ले स्कूलों में 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को दाखिला देना और कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई कराना पूर्णतः अवैध है, और ऐसे संस्थानों को तुरंत बंद किया जाए।
8वीं तक की मान्यता, पढ़ाई 12वीं तक – कहां है निगरानी?

इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी उजागर किया कि कई स्कूलों ने केवल कक्षा 8 तक की मान्यता ले रखी है, लेकिन वहां कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या अब गुरुग्राम प्रशासन ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करेगा?”
एक मान्यता, अनेकों ब्रांच – स्कूल या व्यापार?

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्कूल संचालकों ने केवल एक स्कूल को मान्यता दिलाई है, लेकिन उसके नाम पर शहर भर में कई ब्रांच संचालित की जा रही हैं, जो पूर्णतः अवैध है। उन्होंने मांग की कि ऐसे स्कूल नेटवर्क पर कठोर कार्रवाई हो।
राज्यभर में कार्रवाई, पर गुरुग्राम चुप क्यों?
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि जब पूर्व में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, तब रोहतक, पलवल, सोनीपत, झज्जर जैसे जिलों में कार्रवाई शुरू हुई थी और कुछ स्कूलों को बंद भी किया गया था। लेकिन गुरुग्राम जिले से अब तक कोई सूची या कार्रवाई सामने नहीं आई है। यहाँ तक कि जिले में कितने गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, यह जानकारी भी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
निष्कर्ष: क्या अब गुरुग्राम प्रशासन जागेगा?
अब जबकि विद्यालय शिक्षा निदेशालय पंचकूला की ओर से गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों और आरटीई के उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, सवाल यह है कि क्या गुरुग्राम के जिला शिक्षा अधिकारी, डीसी और शिक्षा विभाग की टीमें भी हरकत में आएंगी?
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि शिक्षा एक संवेदनशील विषय है और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। अब यह देखना होगा कि गुरुग्राम प्रशासन इस दिशा में कितनी गंभीरता दिखाता है।