चंडीगढ़, रेवाड़ी, 28 अप्रैल 2025। स्वयंसेवी संस्था “ग्रामीण भारत” के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वही आरएसएस, जिसने 29 नवम्बर और 12 दिसम्बर 1949 को संविधान को “हिन्दू विरोधी” बताकर जलाया था और जीवन भर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का विरोध और अपमान किया, आज उन्हीं बाबा साहब के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ सत्ता की भूख में जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया के दुरुपयोग और पाखंडपूर्ण प्रचार से भले ही जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा हो, लेकिन इतिहास के पन्नों से संघ-जनसंघ-भाजपा की संविधान और बाबा साहब के प्रति वास्तविक सोच को मिटाया नहीं जा सकता।

उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस और जनसंघ, जो अब भाजपा का नया रूप है, कभी भी संविधान और डॉ. अंबेडकर की विचारधारा में विश्वास नहीं रखते थे और न ही आज रखते हैं। विद्रोही ने भाजपा को “गिरगिट जैसी राजनीति करने वाला दल” बताया, जो सत्ता प्राप्ति के लिए निरंतर रंग बदलता है।

लोकसभा चुनाव के बाद बदला सुर

विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा नेताओं द्वारा संविधान संशोधन की बातें खुलकर कही जाती थीं, लेकिन चुनाव परिणामों में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद अब वे बाबा साहब के प्रति सम्मान और संविधान के प्रति आस्था का ढोंग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ की “मनुवादी सोच” आज भी जस की तस बनी हुई है।

जनता से गंभीरता से विचार करने का आह्वान

वेदप्रकाश विद्रोही ने जनता से अपील की कि वे भाजपा और संघ द्वारा बाबा साहब अंबेडकर और संविधान के प्रति दिखाए जा रहे नकली प्रेम से प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि जो दल व व्यक्ति सचमुच बाबा साहब के आदर्शों और संविधान में आस्था रखते हैं, वे कभी भी मनुवादी सोच, साम्प्रदायिकता, नफरत और धार्मिक भेदभाव का समर्थन नहीं कर सकते।
उन्होंने आमजनों से आग्रह किया कि वे गंभीरता से विचार करें कि भाजपा और संघ वास्तव में संविधान और बाबा साहब की विचारधारा का पालन कर रहे हैं या फिर अपने पुराने मनुवादी एजेंडे पर चलते हुए केवल सत्ता के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं।

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