*16वें वित्त आयोग की बैठक में हरियाणा की अग्रणी ग्रामीण पहलों और भविष्य की योजनाओं पर की गई चर्चा*

*पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य*

चंडीगढ़, 28 अप्रैल – 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ आज यहां एक महत्वपूर्ण बैठक की।

आयोग ने हरियाणा में ग्राम पंचायतों के लिए प्रमुख राजकोषीय मामलों और वित्तीय रणनीतियों के बारे में विस्तृत चर्चा की। बैठक में मुख्य वित्तीय मुद्दों के समाधान और हरियाणा के आर्थिक विकास को गति देने के लिए ग्राम पंचायतों के लिए संसाधनों के आवंटन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में ग्राम पंचायतों के लिए संसाधनों के आवंटन को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया गया, जो हरियाणा के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

*ग्रामीण शासन और विकास को मजबूत करना*

विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने हरियाणा के ग्रामीण स्थानीय निकायों पर एक प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें 6,227 ग्राम पंचायतें, 22 जिला परिषदें और 143 पंचायत समितियां शामिल हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा के आर्थिक विकास को गति देने में इन निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को बेहतर राशि हस्तांतरण के साथ, प्रति व्यक्ति आय में लगातार वृद्धि हुई है। वर्ष 2024-25 तक, पीआरआई के लिए प्रति व्यक्ति आय और अनुदान 2,627.48 रुपये है जो पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।

बैठक में बताया गया कि हरियाणा कानून के माध्यम से पंचायतों को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का देश का पहला राज्य है। हरियाणा कानून के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य है। हरियाणा वर्ष 2017 में शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनने वाला देश का पहला बड़ा राज्य था। इसके अतिरिक्त, राज्य ने हर घर नल से जल योजना के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पाइप से पेयजल उपलब्ध करवाया और 1970 की शुरुआत में ही ग्रामीण क्षेत्रों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया गया। राज्य ने म्हारा गांव-जगमग गांव योजना के तहत 5,871 को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित है।

*तकनीकी उन्नति और बुनियादी ढांचे का विकास*

आयोग को भारतनेट पहल के तहत हरियाणा के सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (ओएफसी) के व्यापक रोलआउट के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके अलावा, 4,675 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण उपयोगकर्ताओं को लगभग 40,000 इंटरनेट कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

आयोग ने हरियाणा की इस बात के लिए सराहना की कि वह स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरा के भीतर सभी ग्रामीण संपत्तियों को संपत्ति आईडी देने और 25 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करने वाले 6 पायलट राज्यों में से एक है।

आयोग को हरियाणा के विकास और पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभागों के बढ़ते बजट के बारे में भी अवगत कराया गया, जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए समेकित बजट 8,063.96 करोड़ रुपये है जो कि ग्रामीण विकास के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

*भविष्य के लिए विकास योजनाएँ*

भविष्य के रोडमेप पर चर्चा करते हुए आयोग को अवगत कराया गया कि अगले 5 वर्षों में 5233 ई-लाइब्रेरी, 5851 इनडोर जिम, 2450 ग्राम सचिवालय, 1281 तालाबों का जीर्णाेद्धार, 5473 महिला सांस्कृतिक केंद्र/महिला चौपाल, 217 योग एवं व्यायामशालाएँ, 5774 फिरनियों पर स्ट्रीट लाइटें तथा 622 फिरनियों को पक्का किया जाएगा।

*स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ संवाद सत्र*

आयोग ने विभिन्न जिलों के जिला परिषदों के अध्यक्षों, ग्राम पंचायतों के सरपंचों और ग्रामीण स्थानीय निकायों के अन्य प्रतिनिधियों के साथ संवाद सत्र भी आयोजित किया। प्रतिनिधियों ने प्रमुख वित्तीय मुद्दों को रेखांकित किया और विभिन्न श्रेणियों में ग्राम पंचायतों के लिए संसाधनों के आवंटन को बढ़ाने का अनुरोध किया।

बैठक में 16वें वित्त आयोग की सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज, श्री अजय नारायण झा, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Share via
Copy link