– वेदप्रकाश विद्रोही ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की

चंडीगढ़, गुरुग्राम, 30 अप्रैल 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने भाखड़ा डैम से हरियाणा को मिलने वाले जल में कटौती कर हरियाणा को जल संकट की ओर धकेलने का कुकृत्य किया है। विद्रोही ने इसे असंवैधानिक, अमानवीय और हरियाणा विरोधी कदम करार दिया है।

विद्रोही ने बताया कि अब तक हरियाणा को भाखड़ा मेन ब्रांच नहर के माध्यम से प्रतिदिन 9500 क्यूसेक पानी मिलता था, लेकिन पंजाब सरकार ने इसे घटाकर महज 4000 क्यूसेक कर दिया है, यानी करीब 55 प्रतिशत पानी जबरन रोक लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हरियाणा के अधिकारों का खुला उल्लंघन है और इससे विशेष रूप से दक्षिण हरियाणा – जैसे रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, नूंह और झज्जर – में पीने के पानी का गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा।

भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड के आदेश की भी अवहेलना

वेदप्रकाश विद्रोही ने बताया कि 23 अप्रैल को भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने यह निर्देश दिया था कि 21 मई तक हरियाणा को प्रतिदिन 8500 क्यूसेक पानी दिया जाए। लेकिन रोपड़, जहां से यह पानी हरियाणा की नहरों में भेजा जाता है, पंजाब सरकार के नियंत्रण में है, और वहीं से पानी रोक दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इस पानी की आपूर्ति भाखड़ा-नरवाना मेन ब्रांच नहर से होती है, जो सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और जींद को सिंचाई जल उपलब्ध कराती है। यदि यहाँ आपूर्ति बाधित होती है तो इन जिलों को पूर्ति के लिए दक्षिण हरियाणा का पानी मोड़ा जाएगा, जिससे अहीरवाल क्षेत्र में पीने का पानी भी दुर्लभ हो जाएगा।

केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग

विद्रोही ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि BBMB पर केंद्र का अधिकार है और उसे सुनिश्चित करना चाहिए कि हरियाणा को उसके हिस्से का जल अवश्य मिले। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग कर पंजाब द्वारा रोके गए 4500 क्यूसेक पानी की आपूर्ति तुरंत बहाल करनी चाहिए।

SYL पर भी उठाए सवाल

वेदप्रकाश विद्रोही ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार पहले से ही हरियाणा के साथ अन्याय करती आ रही है – एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक) नहर निर्माण अधूरा है और अब भाखड़ा डैम से पानी रोककर उसने अन्याय की चरम सीमा पार कर दी है। उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी खुलेआम अवहेलना कर रही है और हरियाणा के साथ राजनीतिक विद्वेष के तहत काम कर रही है।”

निष्कर्ष

वेदप्रकाश विद्रोही ने चेतावनी दी कि यदि यह जल संकट गहराया, तो यह केवल कृषि और सिंचाई को ही नहीं, बल्कि आम जनजीवन और पीने के पानी की व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द हरियाणा को उसका अधिकार दिलाया जाए और पंजाब सरकार को संविधान सम्मत कार्य करने के लिए बाध्य किया जाए।

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