– उषा सरोहा बोलीं: महिला आरक्षण के साथ था क्रूर मजाक

गुरुग्राम, 30 अप्रैल 2025। गुरुग्राम नगर निगम की नवनिर्वाचित मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति तिलक राज मल्होत्रा की मेयर सलाहकार के रूप में की गई नियुक्ति को नगर निगम प्रशासन द्वारा रद्द किए जाने पर जनवादी महिला समिति ने इसे जनदबाव और महिला अधिकारों की जीत बताया है।
जनवादी महिला समिति की राज्य महासचिव उषा सरोहा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक जरूरी सुधार है। उन्होंने कहा, “यह आदेश महिला विरोधी था और हमने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुग्राम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा था।”
पितृसत्ता के खिलाफ सशक्त आवाज
ज्ञापन में समिति ने स्पष्ट किया था कि भाजपा सरकार एक ओर महिला सशक्तिकरण और महिला आरक्षण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर अपनी ही निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने के बजाय उनके पुरुष परिजनों को सत्ता सौंपने जैसे पितृसत्तात्मक कदम उठाती है।
उषा सरोहा ने कहा, “इस तरह के आदेश महिला आरक्षण के उद्देश्य और संवैधानिक मूल्यों के साथ क्रूर मजाक हैं। महिला आरक्षण का मकसद है कि महिलाएं निर्णय लेने की भूमिका में आएं, लेकिन इस तरह की नियुक्तियां उन्हें सिर्फ प्रतीक बना देती हैं।”
चौतरफा विरोध के बाद लिया गया फैसला
उल्लेखनीय है कि नगर निगम आयुक्त द्वारा 21 अप्रैल को तिलक राज मल्होत्रा को मेयर सलाहकार नियुक्त किया गया था, जिसे लेकर महिला संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से तीव्र विरोध हुआ। 29 अप्रैल को निगम आयुक्त ने आदेश को रद्द करते हुए इसे वापस ले लिया।
आगे की मांगें भी रखीं
जनवादी महिला समिति ने आगे की मांग रखते हुए कहा कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की जाए ताकि वे प्रभावी ढंग से अपने पद की जिम्मेदारियों को निभा सकें।
उषा सरोहा ने कहा, “राज्य सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि निर्वाचित महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया में सक्षम बनाया जाए, ना कि उन्हें कठपुतली बना कर बिठाया जाए।”