वेदप्रकाश विद्रोही बोले – राजनीतिक स्वार्थों के चलते पैदा किया गया व्यर्थ का टकराव

चंडीगढ़,गुरुग्राम,रेवाड़ी, 2 मई 2025: स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाखड़ा डैम और नंगल डैम को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच उत्पन्न हो रहे विवाद को पूरी तरह से केन्द्र सरकार की लापरवाही और पंजाब सरकार की राजनीतिक चाल करार दिया है। उन्होंने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पर भी सीधे आरोप लगाए कि यदि उन्होंने समय रहते उचित कदम उठाए होते तो यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।

विद्रोही ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने नंगल डैम और भाखड़ा कंट्रोल रूम पर जबरन कब्जा कर संवैधानिक व्यवस्था को ठेंगा दिखाने का काम किया है। उन्होंने इसे ‘दादागिरी’ करार देते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से अराजकता फैल सकती है। उन्होंने चेताया कि पानी जैसे संवेदनशील विषय पर इस तरह की राजनीतिक नौटंकी बेहद खतरनाक संकेत दे रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 1981 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री राव बीरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में जो फार्मूला तय हुआ था, उस पर पिछले 44 वर्षों में कभी विवाद नहीं हुआ। गर्मियों के मौसम में जब पानी की किल्लत होती थी, तब भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के माध्यम से पंजाब और हरियाणा के अधिकारी आपसी सहमति से पानी का वितरण करते थे।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि अब केंद्र सरकार द्वारा BBMB में हरियाणा के अधिकारियों की अनदेखी और नियुक्तियों में देरी से पंजाब को मनमानी करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा, “यदि ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने तीन महीने पहले ही दोनों राज्यों से एक-एक अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित कर दी होती, तो यह विवाद जन्म ही नहीं लेता।”

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आग्रह किया है कि वे सभी राजनीतिक दलों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं और विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित कर प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए एकजुट रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा, “यह समय पंजाब सरकार की कुटिल राजनीति का मुंहतोड़ जवाब देने का है, ताकि हरियाणा के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।”

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