चंडीगढ़, 3 मई 2025 – अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता राकेश टिकैत पर हुए हमले को “कायरता की चरम सीमा” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल एक व्यक्ति पर बल्कि समूचे किसान-मजदूर आंदोलन पर एक सुनियोजित हमला है, जिसे हर हाल में बेनकाब किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि राकेश टिकैत को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में मुजफ्फरनगर में आयोजित एक रोष सभा में आमंत्रित किया गया था। पूनिया ने बताया कि टिकैत के सभा स्थल पर पहुंचते ही एक सांप्रदायिक उन्मादी गिरोह ने उन पर हिंसक हमला कर दिया। हमलावरों ने उनकी पगड़ी उछाल कर न केवल एक किसान नेता का अपमान किया, बल्कि देश की सांस्कृतिक मर्यादाओं और सामाजिक गरिमा को भी रौंदने की कोशिश की।

हमले के दौरान हमलावर “मोदी-मोदी” के नारे लगाते रहे, जिससे इस हमले के राजनीतिक उद्देश्यों की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। सरबत पूनिया ने सवाल उठाया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी तक इस निंदनीय घटना पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? उनकी चुप्पी इस हमले पर सरकार की मौन स्वीकृति का संकेत देती है।

पूनिया ने आगे कहा कि “किसान सभा मानती है कि देश में कुछ सांप्रदायिक शक्तियां पहलगाम जैसे जघन्य आतंकी हमलों को बहाना बनाकर देश के भीतर अल्पसंख्यकों, कश्मीर के निवासियों, धर्मनिरपेक्ष संगठनों और राष्ट्रीय एकता में विश्वास रखने वाली ताकतों को निशाना बना रही हैं। यह ओछी राजनीति है जो समाज को तोड़ने की दिशा में काम कर रही है।”

उन्होंने चेताया कि “राकेश टिकैत पर हुआ हमला आतंकियों के एजेंडे को ही आगे बढ़ाने जैसा है। यह हमला पूरे किसान संघर्ष को दबाने की साजिश है।”

किसान सभा के उपाध्यक्ष ने सभी जनपक्षधर संगठनों, नागरिक समाज, और लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों से अपील की कि वे इस हमले के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं। उन्होंने कहा, “आज चुप रहना, कल को और भी बड़े हमलों को न्योता देना है।”

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