रेड लाइट पर रुकें, ज़िंदगी बचाएं – गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और RSO का सशक्त संदेश

गुरुग्राम, 4 मई 2025 – गुरुग्राम की सड़कों पर अब एक नई चेतना दौड़ रही है – #StopAtRed। सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर होते हालात के बीच गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और रोड सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (RSO) ने मिलकर इस प्रभावी जागरूकता अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य रेड लाइट जंपिंग जैसी खतरनाक आदतों को जड़ से खत्म करना और जिम्मेदार ड्राइविंग की संस्कृति को बढ़ावा देना है।

इस सप्ताह भर चलने वाले जनजागरूकता अभियान की शुरुआत शहर के सबसे व्यस्त और संवेदनशील ट्रैफिक प्वाइंट राजीव चौक से की गई, जहां पुलिस अधिकारियों और स्वयंसेवकों ने मोटर चालकों से सीधे संवाद किया और उन्हें बताया कि रेड सिग्नल पर रुकना समय की बर्बादी नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा है।

जनभागीदारी से गूंजा अभियान

अभियान केवल सड़कों तक सीमित नहीं रहा – सोशल मीडिया, इंटरएक्टिव सेशन्स, और ऑन-ग्राउंड गतिविधियों के ज़रिए #StopAtRed ने एक जनांदोलन का रूप ले लिया है। बैनरों, पंपलेट्स, और लाइव डेमोंस्ट्रेशन के ज़रिए शहरवासियों को यह सिखाया गया कि रेड लाइट पर रुकना न केवल उनकी खुद की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है, बल्कि यह दूसरों के जीवन की रक्षा करने का एक सामाजिक उत्तरदायित्व भी है।

रेड लाइट का पालन: एक अनुशासन, एक संस्कृति

अभियान इस बात पर जोर देता है कि रेड लाइट पर रुकना ट्रैफिक के सुचारु प्रवाह को सुनिश्चित करता है, टकराव की संभावनाओं को कम करता है, और सड़क पर अनुशासन का माहौल बनाता है। यही अनुशासन नागरिकों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम है।

गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम चाहते हैं कि लोग ट्रैफिक नियमों को डर से नहीं, समझदारी और जिम्मेदारी से अपनाएं। #StopAtRed उसी दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।”

आम जनता से अपील

इस अभियान के तहत हर नागरिक से अपील की गई है कि वह रेड सिग्नल पर रुकने को केवल एक नियम नहीं, बल्कि अपने और दूसरों की सुरक्षा का कर्तव्य समझे।
#StopAtRed अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि गुरुग्राम की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम है – एक जनांदोलन है, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी ज़रूरी है।

#StopAtRed अभियान पर कुछ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं

????️ संगीता शर्मा (IT प्रोफेशनल, सेक्टर-56)
“मैं रोज ऑफिस आते-जाते ट्रैफिक जाम और रेड लाइट जंप करने वालों की वजह से परेशानी झेलती थी। ये अभियान न सिर्फ जागरूकता ला रहा है बल्कि एक जिम्मेदार ट्रैफिक कल्चर भी बना रहा है। अब कई लोगों को रुकते देखती हूं, जो पहले नहीं रुकते थे।”

????️ रमेश मलिक (ऑटो चालक, ओल्ड दिल्ली रोड)
“पहले लोग हमारी गाड़ियों को टक्कर मारकर भाग जाते थे, लेकिन अब रेड लाइट पर रुकने की आदत बन रही है। पुलिस और वालंटियर्स जो समझा रहे हैं, वो असर कर रहा है। अच्छा है, सड़कें अब थोड़ी ज्यादा सुरक्षित लगती हैं।”

????️ कविता जैन (गृहिणी, पालम विहार)
“जब बच्चों को स्कूल छोड़ने जाती हूं, तो रेड लाइट पर कुछ लोग नहीं रुकते थे – डर लगता था। अब मैं खुद भी उन्हें टोकती हूं और कहती हूं – #StopAtRed! ये अभियान हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है।”

????️ अर्जुन सिंह (कॉलेज छात्र, सेक्टर-14)
“सोशल मीडिया पर मैंने इस अभियान के बारे में पढ़ा। अब हम दोस्त भी रेड लाइट पर फोटो लेकर हैशटैग के साथ पोस्ट करते हैं। अच्छा लगता है कि हम भी समाज में बदलाव लाने की कोशिश का हिस्सा हैं।”

????️ कमल अग्रवाल (व्यवसायी, सोहना रोड)
“ट्रैफिक नियमों का पालन करना पहले मजबूरी लगता था, अब समझ में आता है कि यही असली सुरक्षा है। ट्रैफिक पुलिस को इस सकारात्मक पहल के लिए धन्यवाद।”

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