मंत्रिमंडल ने नई गौशालाओं की भूमि की खरीद या बिक्री के लिए डीड दस्तावेजों पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को माफ करने को दी स्वीकृति
पंजीकृत गौशाला की भूमि का गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट के किसी भी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत कार्यों और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकेगा उपयोग
गौ सेवा आयोग व पशुपालन विभाग के नियम व शर्तों की करनी होगी अनुपालना

चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में नई गौशाला के लिए भूमि की खरीद या बिक्री के लिए डीड दस्तावेजों पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को माफ करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
गौरतलब होगा कि वर्ष 2019 में पंजीकृत गौशाला, ट्रस्ट सोसायटी के पक्ष में निष्पादित भूमि की खरीद या दान की गई जमीन पर स्टाम्प डयूटी को 5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया था।
गौसेवा आयोग, पंचकूला के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने 7 अगस्त, 2024 को पंजीकृत गौशाला की जमीन के लिए स्टाम्प डयूटी को माफ करने की घोषणा की थी, जिसे आज मंत्रिमण्डल की बैठक में मंजूरी दी गई।
अब गौ-सेवा के हित में नई गौशाला के लिए पंजीकृत गौशाला, ट्रस्ट सोसायटी के पक्ष में निष्पादित भूमि की खरीद या दान के दस्तावेज पर अनुसूची 1-ए के अनुच्छेद 23 (ए) और 33 के तहत प्रभार्य स्टाम्प ड्यूटी निम्नलिखित शर्तों के साथ माफ कर दी जाएगी अर्थात पंजीकृत गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट के किसी भी सदस्य के व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से काम नहीं करेगा। पंजीकृत गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट अपना काम ऐसे नियमों और शर्तों के अनुसार करेंगे, जो हरियाणा गौ सेवा आयोग या पशुपालन विभाग, हरियाणा द्वारा लगाए जा सकते हैं।
पंजीकृत गौशाला की भूमि का उपयोग गौशाला, सोसायटी, ट्रस्ट के किसी भी सदस्य द्वारा व्यक्तिगत कार्यों और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि नई गौशाला के लिए पंजीकृत गौशाला, ट्रस्ट और सोसायटी के पक्ष में निष्पादित भूमि की खरीद या उपहार के दस्तावेज पर लगने वाली पूरी स्टाम्प ड्यूटी माफ कर दी जाए।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने नगर निकायों में लेखा प्रणाली प्रबंधन में ब्रिटिश काल से चली आ रही 1930 संहिता को निरस्त करने की प्रदान की स्वीकृति
साथ ही नई नगरपालिका लेखा संहिता 2025 को किया अधिसूचित
चंडीगढ़, 5 मई– हरियाणा मंत्रिमंडल की आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निकायों में लेखा प्रणाली प्रबंधन में ब्रिटिश काल से चली आ रही मौजूदा नगरपालिका लेखा संहिता, 1930 को निरस्त करने तथा राज्य की सभी निकायों में में कार्यान्वयन के लिए हरियाणा नगर पालिका लेखा संहिता, 2025 (भाग-I और II) की अधिसूचना को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका उद्देश्य हरियाणा में नगर निकायों की लेखा प्रणाली में पारदर्शिता लाना है। सदियों पुरानी नगरपालिका लेखा संहिता, 1930, रूपान्तरणीय परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ थी। इसके अतिरिक्त, तकनीकी प्रगति के कारण भी नगरपालिका खाता कोड के प्रावधान अप्रचलित और अनावश्यक हो गए थे।
नगरपालिका खाता संहिता, 1930, जो लगभग एक सदी से प्रभावी है, में सटीक और पारदर्शी नगरपालिका खातों को बनाए रखने में कई खामियां थी । इसके विपरीत, नए अनुमोदित हरियाणा नगरपालिका खाता संहिता, 2025 एक उपार्जन-आधारित दोहरी प्रविष्टि लेखा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों में वित्तीय प्रबंधन प्रथाओं का आधुनिकीकरण और मानकीकरण करना है।
हरियाणा नगरपालिका लेखा संहिता 2025, देश भर में प्रत्येक सरकारी संगठन द्वारा अपनाई जाने वाली वर्तमान लेखा प्रणाली के अनुकूल है। नई संहिता न केवल हरियाणा में सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक समान और आधुनिक लेखा प्रणाली स्थापित करेगी, बल्कि लेखांकन, बजट और वित्तीय रिपोर्टिंग सहित नगरपालिका वित्त के प्रबंधन के लिए एक व्यापक ढांचा भी प्रदान करेगी। यह नगरपालिकाओं में लेखा प्रणाली को बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे बेहतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी। इससे नगरपालिकाओं को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बाजार से धन जुटाने में भी मदद मिलेगी।
हरियाणा नगरपालिका लेखा संहिता, 2025 (भाग-I और II) राज्य की सभी नगर निकायों पर लागू होगी।
हरियाणा मंत्रिमंडल ने शहीद की पत्नी को आवासीय प्लाट देने को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जिला फरीदाबाद के गांव अटाली निवासी शहीद नायक संदीप की पत्नी श्रीमती गीता को 200 वर्ग गज का आवासीय प्लाट देने के ग्राम पंचायत अटाली (जिला फरीदाबाद) के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
नायक संदीप ने 19 फरवरी, 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था। परिवार की परिस्थितियों और पर्याप्त आवासीय सुविधा की कमी को देखते हुए, ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर विचार किया गया और राज्य मंत्रिमंडल द्वारा इसे मंजूरी दी गई।
प्लाट का आवंटन पंजाब ग्राम साझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के नियम 13ए के प्रावधानों के अनुसार किया गया है।
हरियाणा सरकार राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई
चंडीगढ़ 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई, जिसके तहत राज्य के सभी विभागों, बोर्डों एवं निगमों, पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के लिए भूमि की बाजार दर निर्धारित करने की नीति में संशोधन किया गया।
हरियाणा सरकार ने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों में भूमि बाजार दरों के निर्धारण के लिए नीति बनाई थी, जिसे 25 नवंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था। इस नीति का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों और उनकी संस्थाओं द्वारा अलग-अलग मानदंड अपनाने के कारण होने वाली कानूनी जटिलताओं से बचना था। जनहित में, प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब नीति में और संशोधन किया गया है।
नीति में संशोधन के अनुसार तथा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन में उचित मुआवज़ा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (केंद्रीय अधिनियम संख्या 30, 2013) के साथ समानता सुनिश्चित करने के लिए, 25 नवंबर, 2021 की नीति के खंड 5(iii)(C) में “दोगुना“ शब्द को “चार गुना“ शब्द से बदल दिया गया है। इससे भुगतान उस राशि के बराबर हो जाएगा जो केंद्रीय अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण पर सरकारी संस्थाएँ भूस्वामियों को देती हैं।
इस प्रक्रिया के माध्यम से संबंधित निजी इकाई द्वारा खरीदी गई भूमि को इच्छित उपयोग में लाने से पहले संबंधित कानून के तहत निर्धारित शुल्क और प्रभार की वसूली के अधीन किया जाएगा, इसलिए कृषि प्रयोजनों के लिए निर्धारित कलेक्टर दर को लाभार्थी से वसूली जाने वाली चार गुना राशि की गणना के लिए बेंचमार्क के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह भूमि के अंतिम इच्छित उपयोग की परवाह किए बिना लागू होगा, क्योंकि निर्धारित शुल्क और प्रभार की वसूली पर संबंधित कानून के तहत आवश्यक अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया का अलग से पालन किया जाएगा। खंड 5(iii)(C) को तदनुसार संशोधित किया गया है।
कठिनाइयों को दूर करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य के अनुरूप, 25 नवंबर, 2021 की नीति के खंड 5(iii)(C) में संशोधन किया गया है, जिसमें “उच्च स्तरीय भूमि क्रय समिति के अनुमोदन से विभाग“ शब्दों को “मुख्यमंत्री के अनुमोदन से सरकार या स्थानीय प्राधिकरण (जो भी भूमि स्वामित्व एजेंसी है)” शब्दों से प्रतिस्थापित किया गया है।
इसी प्रकार, 25 नवंबर, 2021 की उक्त नीति के 5(iii)(C) के अंत में वाक्य, “संबंधित निजी संस्था को इस खंड के अनुसार देय राशि के 25 प्रतिशत के साथ भूमि स्वामित्व संगठन या विभाग के प्रमुख को नीति के प्रति अपनी सहमति दर्शाते हुए आवेदन करना होगा“ जोड़ा गया है।
अब अग्निवीरों को भी शहीद होने पर मिलेगी 1 करोड़ की अनुग्रह राशि
चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में युद्ध में शहीद हुए सैनिकों (अग्निवीर) के परिवारों को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि तथा हरियाणा के वीरता/विशिष्ट पुरस्कार विजेताओं (अग्निवीर) को एकमुश्त नकद पुरस्कार देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार युद्ध में शहीद हुए डिफेंस तथा पैरामिलिटरी फोर्सिज सैनिकों के परिवारों को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करती है तथा अब अग्निवीरों को भी यह लाभ देने का निर्णय लिया है।
वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने चार वर्ष की अवधि के लिए तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में अग्निवीर (अधिकारी रैंक कैडर से नीचे) के रूप में पुरुष और महिला उम्मीदवारों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की थी। अग्निपथ योजना के तहत, चयनित उम्मीदवारों को भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के अग्निवीर के रूप में नामांकित किया जाता है।
अग्निवीरों का पहला बैच अगस्त 2023 में सशस्त्र बलों में शामिल हुआ था। अब तक पिछले दो वित्तीय वर्षों, 2022-23 और 2023-24 में हरियाणा के सभी जिलों से कुल 5120 अग्निवीरों की भर्ती हुई थी। इसके अलावा 2024-25 के दौरान, हरियाणा से लगभग 2000 अग्निवीरों की भर्ती हुई है।
हरियाणा बनेगा AI का हब, मंत्रीमंडल ने दी परियोजना को मंजूरी
चंडीगढ़ 5 मई: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2025-2028 की अवधि के लिए हरियाणा एआई विकास परियोजना (एचएआईडीपी) को मंजूरी दी गई, जिस पर 474.39 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्रिमंडल ने बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक विशेष प्रयोजन संस्था (SPV) के गठन को भी मंजूरी दी।
एचएआईडीपी की परिकल्पना हरियाणा को एआई-सक्षम विकास के लिए राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक रणनीतिक हस्तक्षेप के रूप में की गई है। इस परियोजना को तीन वर्षों (2025-2028) की अवधि में विश्व बैंक से तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है। इस पर कुल खर्च 474.39 करोड़ रुपये होगा, जिसमें विश्व बैंक और हरियाणा सरकार के बीच 70:30 का वित्त पोषण अनुपात है।
हरियाणा एआई विकास परियोजना (एचएआईडीपी) के प्रमुख घटकों में गुरुग्राम में ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर (जीएआईसी) और पंचकूला में हरियाणा एडवांस्ड कंप्यूटिंग फैसिलिटी (एचएसीएफ) जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की स्थापना शामिल है। यह परियोजना एआई, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में 50,000 से अधिक पेशेवरों के लिए कौशल विकास और कार्यबल परिवर्तन पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। अतिरिक्त उद्देश्यों में सार्वजनिक प्रशासन और डेटा-संचालित सेवा वितरण में एआई का एकीकरण, इनक्यूबेशन, मेंटरिंग और साझा कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच के माध्यम से स्टार्ट-अप और आरएंडडी के लिए समर्थन; और एआई डोमेन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
अन्य उद्देश्यों में सार्वजनिक प्रशासन में एआई का एकीकरण और डेटा-आधारित सेवा वितरण, स्टार्ट-अप्स और अनुसंधान एवं विकास को प्रारंभिक सहायता, मार्गदर्शन और साझा कंप्यूटिंग संरचना तक पहुंच के माध्यम से समर्थन, और एआई क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
यह परियोजना प्रोग्राम-फॉर-रिजल्ट्स (PforR) वित्तपोषण साधन को अपनाएगी, जिसमें फंड संवितरण को संवितरण-लिंक्ड इंडिकेटर्स (डीएलआई) की उपलब्धि से जोड़ा जाएगा, जिसे एक नियुक्त एजेंसी द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित किया जाएगा।
बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को सुनिश्चित करने के लिए, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) की स्थापना की जाएगी। एसपीवी के गठन को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली स्थायी वित्त समिति (एसएफसी-सी) द्वारा 17 अप्रैल, 2025 को मंजूरी दी गई थी। एसपीवी एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में काम करेगी, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव होंगे। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत एसपीवी के निगमन से संबंधित सभी तौर-तरीकों और प्रक्रियाओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार नोडल एजेंसी के रूप में हारट्रॉन काम करेगी।
मंत्रिमंडल ने “पंडित लख्मीचंद कलाकार सामाजिक सम्मान योजना” नामक एक नई योजना लागू करने को दी मंजूरी
पात्र कलाकारों को मिलेगा 10,000 रुपये मासिक मानदेय
गायन, अभिनय, नृत्य, नाटक, चित्रकला या दृश्य कला के अन्य क्षेत्रों में कलाकारों के रूप में कम से कम 20 वर्षों तक हो कार्य अनुभव
यदि आय 1.80 से 3 लाख रुपये के बीच है तो कलाकर को मिलेगा 7 हजार रुपये की मासिक मानदेय
चंडीगढ़ 5 मई: हरियाणा सरकार ने “पंडित लख्मीचंद कलाकार सामाजिक सम्मान योजना” नामक एक नई योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ कलाकारों और लोक विधाओं के कलाकारों की वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिन्होंने अपने सक्रिय जीवन के दौरान कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है या जो अभी भी इस क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं, लेकिन वृद्धावस्था के कारण अब सक्रिय रूप से अपनी कला का अभ्यास नहीं कर रहे हैं।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
इस योजना के तहत पात्र कलाकारों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता के रूप में 10,000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।
हरियाणा का कोई भी निवासी जिसने गायन, अभिनय, नृत्य, नाटक, चित्रकला या दृश्य कला के अन्य रूपों जैसे क्षेत्रों में कलाकार के रूप में कम से कम 20 वर्षों तक काम किया है या कला के क्षेत्र में योगदान दिया है, वह इस योजना के तहत पात्र होगा। वर्ष 2020-21 और 2021-22 (कोविड-19 अवधि को छोड़कर) के दौरान प्रस्तुत किए गए आवेदन अनिवार्य माने जाएंगे। आवेदकों को अपने आवेदन के साथ सहायक दस्तावेज और कला प्रदर्शन की प्रेस क्लिपिंग भी जमा करनी होगी। आवेदक की आयु 60 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए, जैसा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से सत्यापित किया गया है। यदि पीपीपी सभी स्रोतों से 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय दर्शाता है तो आवेदक को प्रति माह 10,000 रुपये वित्तीय सहायता मिलेगी। यदि वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के बीच है तो आवेदक को 7,000 रुपये मासिक मानदेय प्रदान किया जाएगा।
इस योजना के लिए निर्धारित आवेदन पत्र विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। मानदेय का लाभ उठाने के लिए कलाकारों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
विभाग द्वारा आवेदनों की प्रारंभिक जांच एवं सत्यापन के पश्चात इस योजना के अंतर्गत सभी पात्र आवेदनों को विभाग द्वारा गठित विशेष समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति आवेदकों की वित्तीय स्थिति एवं कलात्मक योगदान दोनों को ध्यान में रखते हुए योजना के वर्तमान दिशा-निर्देशों के अनुसार आवेदनों का मूल्यांकन करेगी। मानदेय के लिए पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची समिति द्वारा पूर्णतः योग्यता के आधार पर तैयार की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025–27 के लिए आबकारी नीति को दी मंज़ूरी
वित्त वर्ष 2025–26 के लिए 14,064 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित
चंडीगढ़, 5 मई– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2025–27 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति में प्रमुख संरचनात्मक सुधार करते हुए आबकारी नीति वर्ष को अब वित्त वर्ष के साथ जोड़ा जाएगा। यह नीति 12 जून 2025 से 31 मार्च 2027 तक यानि 21.5 महीनों के लिए लागू होगी, जिसके बाद भविष्य की सभी नीतियाँ अप्रैल से मार्च वित्त वर्ष के अनुसार संचालित होंगी।
इस नीति के तहत वित्त वर्ष 2025–26 के लिए सरकार ने 14,064 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्त वर्ष 2024–25 में आबकारी एवं कराधान विभाग ने 12,650 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 12,700 करोड़ रुपये का संग्रहण कर बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
इस नीति के तहत अब जिन गांवों की आबादी 500 या उससे कम है, वहां कोई भी उप-विक्रय केंद्र (सब-वेंड) स्थापित नहीं किया जाएगा। यह कदम जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस नीति के लागू होते ही राज्य भर में 152 मौजूदा उप-विक्रय केंद्र बंद हो जाएंगे।
नई नीति में शराब के प्रचार-प्रसार पर भी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। अब सभी प्रकार के विज्ञापन, चाहे वे लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र के भीतर ही क्यों न हों, स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित होंगे। यदि इनका कोई उल्लंघन होता है तो पहली बार उल्लंघन करने पर 1 लाख रुपये, दूसरी बार 2 लाख रुपये और तीसरी बार उल्लंघन करने पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके बाद कोई भी उल्लंघन एक गंभीर चूक माना जाएगा, जिससे आवंटित जोन को रद्द करने की कार्यवाही की जा सकती है।
नीति में टैवर्न (L-52) के संचालन के दिशा-निर्देशों को भी सख्त किया गया है। अब टैवर्न केवल विभाग द्वारा स्वीकृत बंद परिसरों में ही संचालित हो सकेंगे और वे राहगीरों को दिखाई नहीं देने चाहिए। टैवर्न में लाइव सिंगिंग, डांसिंग या नाटकीय प्रदर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। शहरी क्षेत्रों में शराब के विक्रय केंद्र सुबह 4:00 बजे के बाद नहीं खुल सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा सुबह 8:00 बजे तक थी।
कार्यक्रमों के लिए अस्थायी लाइसेंस (L-12A और L-12A-C) प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल किया गया है। बिना पंजीकृत व्यावसायिक स्थलों जैसे बैंक्वेट हॉल्स में एक दिन के लाइसेंस के लिए, विशेष रूप से गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला जैसे शहरी क्षेत्रों में, अधिक शुल्क लिया जाएगा। यह कदम पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ निगरानी को बेहतर बनाने में भी सहायक होगा।
यह नीति सामाजिक जिम्मेदारी और जन सुरक्षा पर विशेष बल देती है। सभी लाइसेंस प्राप्त विक्रय केंद्रों और उप-विक्रय केंद्रों पर “शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है” तथा “शराब पीकर वाहन न चलाएं” जैसी वैधानिक चेतावनी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। इस पहल का उद्देश्य शराब सेवन और उससे जुड़े अपराधों के जोखिमों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
संशोधित संविदा कर्मियों की तैनाती नीति, 2022 (डिप्लॉइमेंट ऑफ कन्टैक्चूअल पर्सनज़ पॉलिसी,2022) में संशोधन को स्वीकृति
चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में समय-समय पर संशोधित संविदा कर्मियों की तैनाती नीति, 2022 (डिप्लॉइमेंट ऑफ कन्टैक्चूअल पर्सनज़ पॉलिसी,2022) में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।
संशोधनों के अनुसार, हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) द्वारा लगाए गए जुर्माने से संबंधित प्रावधान को हटा दिया गया है। इन प्रावधानों को रद्द करने के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में, सामाजिक-आर्थिक मानदंडों और अनुभव के लिए वेटेज संबंधित प्रावधानों को भी में हटा दिया गया है। तदनुसार, नीति से सामाजिक-आर्थिक मानदंडों और अनुभव के सभी संदर्भों को हटा दिया गया है। आज का निर्णय भारत और विदेश दोनों में, निजी क्षेत्रों में एचकेआरएनएल के माध्यम से की जाने वाली कर्मियों की तैनाती पर भी लागू होगी। निगम राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पंजीकृत आवेदकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। लेवल-1 जॉब रोल के लिए अधिकतम आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है, जो ग्रुप डी कर्मचारियों के बराबर है।
आरक्षण रोस्टर अब जॉब रोल की बजाय राज्य स्तर पर इंडेंट वाइज़ और नौकरी के स्तर के अनुसार तैयार किया जाएगा। निगम उम्मीदवारों को किसी संगठन में भेजने से पहले सॉफ्ट स्किल्स में प्री-डिपार्चर ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रदान करेगा। नीति के तहत, स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले उम्मीदवारों को भविष्य में विचार से बाहर रखने के लिए आवश्यक प्रावधान भी किए गए हैं। लेवल-1 पर पहले से तैनात कर्मचारियों को उच्च-स्तरीय नौकरी में जाने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते वे पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों। अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए सक्षम प्राधिकारी अब हरियाणा के मुख्य सचिव (एचआरडी में) होंगे।
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का निर्णय
चंडीगढ़, 5 मई- हरियाणा मंत्रिमंडल की आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया गया।
इसी प्रकार, वर्ष 2005 में भिवानी में पुलिस और बदमाशों के बीच क्रॉस फायरिंग के दौरान मारी गई सुश्री कविता तथा वर्ष 2023 में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मारे गए श्री अभिषेक के मामलों में पीड़ितों के पात्र परिवार को 25-25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया गया।
पुलिस भर्ती में अग्निवीरों के लिए आरक्षण कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय
चंडीगढ़ 5 मई: हरियाणा सरकार ने पुलिस भर्ती में अग्निवीरों के लिए आरक्षण कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
ज्ञात होगा कि गत 5 अगस्त, 2024 को आयोजित अपनी बैठक में मंत्रिपरिषद ने अग्निवीरों के संबंध में कई निर्णय लिए थे। इनमें पुलिस विभाग में कांस्टेबल, खान एवं भूविज्ञान विभाग में माइनिंग गार्ड, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग में वन रक्षक तथा जेल विभाग में वार्डर के पदों पर सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत होरिजेंटल-आरक्षण देना शामिल है।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी राज्यों को पुलिस भर्ती में अग्निवीरों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के लिए पत्र लिखा था। इसी के अनुरूप हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल के पद पर भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है। हरियाणा राज्य से वर्ष 2022-23 में कुल 1,830 अग्निवीरों का चयन किया गया, वर्ष 2023-24 में लगभग 2,215 और वर्ष 2024-25 में 2,108 अग्निवीरों का चयन किया गया। अग्निवीरों के पहले बैच को 2026-27 में रक्षा बलों से मुक्त किया जाना है। अग्निवीरों के संबंध में 5 अगस्त, 2024 को मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए विभिन्न निर्णयों में ग्रुप बी पदों पर भर्ती में 1 प्रतिशत होरिजेंटल-आरक्षण और ग्रुप सी पदों के लिए 5 प्रतिशत होरिजेंटल-आरक्षण का प्रावधान था। इसके अतिरिक्त, ग्रुप बी और सी के सरकारी पदों के लिए ऊपरी आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी गई है।
हालांकि, अग्निवीरों के पहले बैच के लिए आयु में छूट 5 वर्ष तक होगी। अग्निवीरों को अपने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त कौशल विशेषज्ञता से संबंधित ग्रुप सी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में बैठने से भी छूट दी जाएगी। यह छूट हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा जारी किए गए ऐसे पदों के लिए विज्ञापनों के जवाब में आवेदन के समय लागू होगी।
स्वरोजगार और उद्यमिता से संबंधित अन्य लाभों में अग्निवीरों को रोजगार देने वाले किसी भी उद्योग को प्रति व्यक्ति 60,000 रुपये की वार्षिक सब्सिडी शामिल है, बशर्ते अग्निवीर को 30,000 रुपये से अधिक का मासिक वेतन मिलता हो। अतिरिक्त लाभों में बंदूक लाइसेंस प्राप्त करने में प्राथमिकता, एचकेआरएनएल के माध्यम से नियोजित होने के इच्छुक अग्निवीरों के लिए तैनाती में वरीयता और अपना खुद का व्यवसाय या उद्यम स्थापित करने के इच्छुक लोगों के लिए 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण शामिल है।