निगम कमिश्नर अशोक गर्ग के तबादले को लेकर भाजपा सरकार को घेरा
गुरुग्राम आती करना मुक्ति के लिए उठाए कदम रखे जाने से पहले ट्रांसफर
काम करने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर से बने सवालों को जवाब की तलाश
सफाई को लेकर की गई पहल आज स्वछता का जन जनआंदोलन बन चुकी
फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । सरकार किसी भी पार्टी की हो और सरकार का चेहरा अथवा मुख्यमंत्री कोई भी हो । अधिकारियों विशेष रूप से जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया है । लेकिन जब अचानक अप्रत्याशित रूप से अधिकारियों के ट्रांसफर होने लगे, तो यह तबादले ही सवाल बन जाते हैं ? पिछले कुछ दिनों में जिला गुरुग्राम मुख्यालय पर किसी न किसी कारण को लेकर अधिकारियों का तबादला चर्चा का विषय बना हुआ है । फिर वह चाहे मानेसर नगर निगम हो या फिर सबसे अधिक राजस्व देने वाला गुरुग्राम शहर का गुरुग्राम नगर निगम ही क्यों ना हो । अब इसी कड़ी में बीती शाम गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर अशोक गर्ग ने अतिक्रमण मुक्त गुड़गांव बनाने के लिया था बड़ा कदम उठाया । लेकिन कदम रखने और कार्रवाई का परिणाम आने से पहले ही भाजपा की सैनी सरकार ने उनका हिसार तबादला कर दिया । यह प्रतिक्रिया पटौदी से विधानसभा चुनाव लड़ी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी के द्वारा अफसरशाही के ट्रांसफर पर की गई है।
कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने आम जनमानस से भी सवाल करते हुए पूछा है । आपको क्या लगता है कमिश्नर अशोक गर्ग के देर रात तबादले का कारण ?
भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार से गुड़गांव का प्रशासन संभल नहीं रहा है । हरियाणा की अफ़सरशाही में डर और तबादलों का दौर जोरों पर है । भाजपा की ट्रिपल इंजन का मतलब मैं फिर दुहराते हुए उन्होंने कहा एक इंजन जुमलेबाजी और भ्रष्टाचार का, दूसरा इंजन डर फैलाने का और तीसरा इंजन तबादला की राजनीति करने के लिए नहीं दौड़ लगा रहा है।
सरकार की प्राथमिकता ट्रांसफर या समस्याओं का समाधान
कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा अहीरवाल के लंदन रेवाड़ी जिला के डीसी के रूप में कार्य करने को लेकर चर्चा में आने के साथ लोगों के बीच लोकप्रिय होने वाले अधिकारी अशोक गर्ग आज भी रेवाड़ी क्षेत्र के लोगों के दिलों में बसे हुए हैं । अशोक गर्ग इससे पहले हिसार में भी उनके द्वारा किए गए कार्य को लेकर आज भी हिसार की जनता के चाहते बने हुए हैं । विशेष रूप से सामाजिक कार्य और सफाई- स्वच्छता को लेकर उनके द्वारा आरंभ की गई पहल आज रेवाड़ी में जन आंदोलन का रूप ले चुकी है । रेवाड़ी से उनका ट्रांसफर जिला गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम मानेसर में कमिश्नर के तौर पर कर दिया गया यहां भी उनके द्वारा किए गए कार्य चर्चा और प्रेरणा का विषय बन रह । मानेसर नगर निगम में भी वह ज्यादा लंबे समय तक नहीं रह सके और पिछले वर्ष नवंबर के पहले हफ़्ते में मानेसर नगर निगम से इनका तबादला गुड़गाँव नगर निगम के लिए किया गया । बतौर गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर के अभी तक के कार्यकाल में 5 महीनों में 2 महीने निगम के चुनाव में चले गए । गौरतलब है कि इसी फिल्मी स्टाइल में पिछले मंगलवार को मानेसर नगर निगम की कमिश्नर श्रीमति रेणु सोगान का ट्रिपलइंजन की भाजपा सरकार ने तबादला किया ।
तबादले का असल कारण क्या है ?
कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने कहा सोंचने वाली बात और अपने आप में एक अबूझ पहेली है कि गुड़गाँव नगर निगम कमिश्नर पद से इस असामयिक तबादले का असल कारण क्या है ? कहीं इसके पीछे यह कार्य और कारण तो नहीं है ? मेयर श्रीमति राजरानी मल्होत्रा जी के पति श्री तिलकराज मल्होत्रा जी को 21 अप्रैल को मेयर की सलाह पर मेयर का सलाहकार नियुक्त करना ? मेयर श्रीमति राजरानी मल्होत्रा जी के पति श्री तिलकराज मल्होत्रा जी को 29अप्रैल को मेयर के सलाहकार पद से बर्खाश्त करना ? पिछले हफ़्ते बिना मानसून के ही बारिश में गुड़गाँव के सीवर सिस्टम की कलई खुलना ? बंधवाड़ी में सरकारी अकर्मण्यता की मिसाल, कूड़े के पहाड़ में आग लगने से शहर की आवोहवा के प्रदूषित हवा में शीतला माता जी और बाबा खाटू श्याम जी के अनुयायिओं को साँस लेने में परेशानी होना? मानेसर के तर्ज पर ही किसी रसूखदार इंसान की प्रॉपर्टी के अतिक्रमण मुक्त गुड़गांव की मुहिम से नाराज़गी के शिकार हुए निगम निगम कमिश्नर साहेब।