गुरुग्राम, 8 मई-जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, गुरुग्राम द्वारा जिला जेल भोंडसी में आज जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह लोक अदालत प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री चंद्र शेखर के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशों के अंतर्गत आयोजित की गई।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री रमेश चन्द्र की निगरानी में अदालत की कार्यवाही संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि जेल लोक अदालत का आयोजन माह में दो बार किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों को शीघ्र, सरल एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराना है।

लोक अदालत में उन मामलों को प्राथमिकता दी जाती है, जो छोटे अपराधों (Petty Offences) की श्रेणी में आते हैं, जैसे कि झगड़ा-फसाद, सड़कों पर झगड़ा, साधारण चोरी, मादक पदार्थों की न्यून मात्रा से जुड़े मामले आदि। इन अपराधों में अभियुक्तों को लंबे समय तक जेल में रखने की आवश्यकता नहीं होती, और सुलह या जुर्माने के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है।

आज की लोक अदालत में निपटाए गए मामले:
8 मई को आयोजित हुई जेल लोक अदालत में कुल 4 मामलों को प्रस्तुत किया गया। इनमें से 3 मामलों का निपटारा अदालत की कार्यवाही के दौरान ही आपसी सहमति और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से कर दिया गया। शेष एक मामला आगे की सुनवाई के लिए सुरक्षित रखा गया है।

इस प्रकार की लोक अदालतें जेल में बंद ऐसे बंदियों के लिए एक आशा की किरण साबित होती हैं, जो मामूली अपराधों के चलते वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। लोक अदालत के माध्यम से न केवल न्याय प्रक्रिया में तेजी आती है, बल्कि जेलों पर बढ़ते बोझ को भी कम किया जा सकता है।

लोक अदालत के आयोजन के दौरान बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी भी दी जाती है, जिससे वे विधिक रूप से सशक्त बन सकें और भविष्य में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे इस प्रयास को न्याय तंत्र के मानवीय दृष्टिकोण का एक उदाहरण माना जा सकता है, जो “न्याय सबके लिए” के सिद्धांत को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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