ग्रामीण भारत संस्था के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पंजाब मंत्री और आप कार्यकर्ताओं की कार्रवाई को बताया न्यायालय की अवमानना, मांग की सार्वजनिक माफी और हरियाणा को पानी देने की तत्काल व्यवस्था

चंडीगढ़,रेवाड़ी, 9 मई 2025 — पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना और भाखड़ा डैम पर बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी को बंधक बनाए जाने की घटना पर सामाजिक संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “घोर असंवैधानिक कुकृत्य” करार देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।
वेदप्रकाश विद्रोही ने बताया कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के निर्णय के अनुसार पंजाब सरकार को हरियाणा के लिए अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी जारी करना होगा। इसी आदेश के अनुपालन के लिए जब बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी डैम पहुंचे, तो पंजाब सरकार के मंत्री हरजोत बैस और बरिंद्र गोयल के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया और उन्हें उनके कर्तव्यों से रोक दिया।
विद्रोही ने इसे संविधान और संघीय ढांचे पर सीधा प्रहार बताते हुए कहा, “यह घटना न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि संघीय व्यवस्था की भावना के विरुद्ध एक खतरनाक संकेत है।” उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सरकार को हाईकोर्ट के आदेश पर आपत्ति है, तो उसके पास सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन किसी अधिकारी को बंधक बनाना निंदनीय और अस्वीकार्य है।
उन्होंने मांग की कि इस संवैधानिक उल्लंघन के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से माफी मांगें तथा हाईकोर्ट के आदेश का तुरंत पालन कर हरियाणा को 4500 क्यूसेक पानी रिलीज किया जाए।
ग्रामीण भारत संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि इस घटना पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो देश में संवैधानिक संस्थाओं और न्यायिक आदेशों की गरिमा पर प्रश्नचिह्न लगना तय है।