करनाल के टिकरी गांव में परिवार पहचान पत्र में फर्जी नाम जोड़ने पर सख्त निर्देश — जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी एफआईआर दर्ज
सभी अतिरिक्त उपायुक्तों (ADCs) को परामर्श जारी
प्रधानमंत्री आवास योजना में लंबित दूसरी किश्तों पर मुख्यमंत्री कार्यालय सख्त — डॉ. साकेत कुमार ने शीघ्र भुगतान के दिए निर्देश
चंडीगढ़, 16 मई- जन शिकायतों के त्वरित समाधान और शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। इसी क्रम में, हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार की अध्यक्षता में जन संवाद पोर्टल एवं सीएम विंडो पर प्राप्त शिकायतों तथा विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग एवं सिटीजन रिसोर्स इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट (CRID) के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री विवेक कालिया एवं श्री राकेश संधू उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री विवेक कालिया ने जानकारी दी कि जो आवेदन माननीय मुख्यमंत्री स्वयं अपने दौरों अथवा संत कबीर कुटिया में आयोजित जनसुनवाई के दौरान प्राप्त करते हैं, उन्हें जन संवाद पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इन प्रकरणों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा स्वयं माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है।
इसके बाद करनाल जिले के टिकरी गांव से प्राप्त एक गंभीर शिकायत पर चर्चा की गई, जिसमें परिवार पहचान पत्र में एक अज्ञात महिला का नाम गलत तरीके से जोड़ दिया गया था। शिकायतकर्ता सुशील कुमार द्वारा बार-बार प्रयास करने के बावजूद नाम नहीं हटाया गया। इस गंभीर प्रशासनिक लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए निर्देश दिए गए कि दोषी व्यक्ति की जिम्मेदारी तय कर उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए एवं प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जाए।
इस बैठक के दौरान अधिकारियों के संज्ञान मे एक मामला आया जिसमे प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में कई किश्तें ULB अधिकारियों द्वारा निरीक्षण न किए जाने के कारण लंबित हैं। इस विषय में डॉ. साकेत कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए लंबित लाभार्थी सूची प्रस्तुत करने एवं शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए विभाग को निर्देशित किया।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग में शिकायतों की अत्यधिक लंबित संख्या पाए जाने पर विभाग के मुख्यालय में तैनात कार्यकारी अभियंता (XEN) को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए।
सभी जिलों के अतिरिक्त उपायुक्तों (ADCs) को निर्देशित किया गया है कि वे एक सप्ताह के भीतर सभी संज्ञान के लिए लंबित प्रकरणों में मामलों का निस्तारण सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त, एक औपचारिक परामर्श (advisory) भी जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जन संवाद पोर्टल और सीएम विंडो से संबंधित शिकायतों के समाधान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में विकास कार्यों की निविदाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गए कि सभी लंबित प्रस्तावों की व्यवहार्यता का शीघ्र मूल्यांकन कर रफ एस्टीमेट तैयार किया जाए तथा प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर टेंडर प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाए।
अंत में शाहाबाद से संबंधित एक मामले, जिसमें एक कॉलोनी में गलत तरीके से अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Due Certificate) जारी किया गया था, पर मुख्य सचिव कार्यालय की विजिलेंस शाखा को जांच कराने की अनुशंसा की गई है। प्रारंभिक स्तर पर दोषी पाए गए म्युनिसिपल इंजीनियर के विरुद्ध चार्जशीट जारी करने के आदेश भी बैठक में दिए गए।