रेवाड़ी/चंडीगढ़, 18 मई 2025 — पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा की एक महिला और दो युवकों की गिरफ्तारी ने राज्य में सनसनी फैला दी है। इस मामले को लेकर स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि यह सिर्फ तीन लोगों की गिरफ्तारी भर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

विद्रोही ने सवाल उठाया कि जब गिरफ्तार तीनों युवक—एक यू-ट्यूबर महिला (हिसार), और दो युवक (कैथल व नूंह से)—सरकारी या किसी संवेदनशील पद पर कार्यरत नहीं थे, तो आखिर उन्हें गोपनीय जानकारियां कौन दे रहा था? उन्होंने आशंका जताई कि देश के भीतर बैठे कुछ गद्दार ही इन लोगों को संवेदनशील जानकारी उपलब्ध करवा रहे थे, जिसे वे पाकिस्तान तक पहुंचा रहे थे।

“ये एक संकेत है कि हमारी प्रणाली के भीतर कहीं कोई गंभीर चूक या मिलीभगत है,” विद्रोही ने कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिर्फ इन तीनों की गिरफ्तारी से बात खत्म नहीं होती, बल्कि सरकार को यह भी सार्वजनिक करना चाहिए कि इन संदिग्ध जासूसों के संपर्क किन-किन सरकारी अधिकारियों या विभागों से थे।

विद्रोही ने चेताया कि यदि देश का कोई भी नागरिक दुश्मन देश के लिए जासूसी करता है, तो यह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि राष्ट्रीय आत्मा के साथ भी विश्वासघात है। उन्होंने कहा, “जब कोई व्यक्ति देशद्रोह की भावना से प्रेरित होकर दुश्मन देश को देश की संवेदनशील जानकारियां देने लगे, तो यह पूरे समाज और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है।”

ग्रामीण भारत संस्था ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि वह इस मामले की तह तक जाकर उन सभी लोगों को बेनकाब करे, जो पर्दे के पीछे से इन जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने में मददगार साबित हो सकते हैं।

“सिर्फ मोहरे नहीं, असली साजिशकर्ता पकड़ें सरकार,” विद्रोही का यह वक्तव्य हरियाणा की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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