गुरुग्राम, 18 मई 2025 — सेक्टर-108 स्थित प्रतिष्ठित आवासीय परियोजना “द वेस्टरलीज़” के निवासियों ने आरओएफ एलांते और एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की जा रही मनमानी के खिलाफ एकजुट होकर सशक्त विरोध दर्ज कराया। साथ ही, उन्होंने जिला नगर योजनाकार (प्रवर्तन), गुरुग्राम द्वारा जारी एक अवैध पत्र के विरुद्ध भी नाराज़गी जताई, जिसे प्राकृतिक न्याय और नियमानुसार प्रक्रिया की घोर अवहेलना बताया गया।

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष हितेश चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “आरओएफ का कोई वैध रास्ता नहीं है, तो वह ‘द वेस्टरलीज़’ की निजी सड़कों का उपयोग न करे, और न ही एक्सपीरियन डेवलपर्स को इसका मनमाने तरीके से प्रयोग करने दे। हमारी सड़कों पर किसी तीसरे पक्ष का अधिकार नहीं है। आरओएफ और एक्सपीरियन डेवलपर्स की यह मिलीभगत पूरी तरह गैरकानूनी और अस्वीकार्य है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि 3 फरवरी 2025 को जारी डीटीपी प्रवर्तन का पत्र “जीएन/डीटीपी-ई/2025/04/08-01” पूरी तरह एकतरफा और ‘ऑडी ऑल्टरम पार्टम’ के सिद्धांत के विपरीत है, जिसमें “द वेस्टरलीज़” के निवासियों को अपनी बात रखने का कोई अवसर नहीं दिया गया। उन्होंने इसे हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के विनियमन अधिनियम, 1975 का खुला उल्लंघन बताया।

नागरिक अधिकारों का खुला उल्लंघन

निवासियों ने बताया कि एक्सपीरियन डेवलपर्स ने आरओएफ एलांते के लिए “द वेस्टरलीज़” की आंतरिक सड़कों को एक अस्थायी मार्ग के रूप में प्रयोग करने की अनुमति दी है, जो न केवल निवासियों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सुरक्षा, ध्वनि व वायु प्रदूषण और ट्रैफिक अव्यवस्था को भी जन्म देता है।

महिला सदस्य सविता ने कहा, “रात में टहलने के दौरान आरओएफ समिति के कुछ निवासी महिलाओं पर लेजर लाइट फेंकते हैं, जो न केवल असामाजिक व्यवहार है बल्कि हमारे लिए एक सुरक्षा संकट भी है। कोई महिला ऐसे माहौल में सुरक्षित महसूस नहीं कर सकती।”

कानूनी लड़ाई का एलान

आरडब्ल्यूए के अनुसार, “द वेस्टरलीज़” की सभी आंतरिक सुविधाएं – सड़कें, पार्क, क्लब हाउस आदि – भूखंडों की बिक्री के बाद निवासियों के साझा स्वामित्व में आती हैं और बाहरी व्यक्तियों को इसके प्रयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती।

हितेश चौधरी ने यह भी कहा, “अगर आरओएफ एलांते के निवासी अपनी आंतरिक सड़कों पर बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं चाहते, तो हम क्यों स्वीकार करें? यह दोहरी नीति नहीं चलेगी।”

पर्याप्त वैकल्पिक मार्ग पहले से मौजूद

वक्ताओं ने यह भी बताया कि आरओएफ एलांते के लिए नानक हेरी गांव की ओर से पहले ही एक राजस्व मार्ग उपलब्ध है, जिससे उचित पहुंच सुनिश्चित होती है। ऐसे में “द वेस्टरलीज़” की सड़कों को जबरन इस्तेमाल करने का कोई कानूनी या तार्किक आधार नहीं है।

न्यायिक हस्तक्षेप की मांग

निवासियों ने गुरुग्राम जिला न्यायालय में एक सिविल मुकदमा दायर किया है और प्रशासन से अपील की है कि आरओएफ बिल्डर के मानचित्र की गहन जांच कर वैध मार्ग निर्धारित किया जाए, जिससे “द वेस्टरलीज़” के अधिकारों और गरिमा की रक्षा की जा सके।

सामूहिक आवाज़, एकजुट विरोध

इस मौके पर आरडब्ल्यूए के कई सदस्य मौजूद रहे, जिनमें जितेंद्र छाबड़ा, राव बलवंत, जितेंद्र लखड़ा, अधिवक्ता रजत, अधिवक्ता तनुज जागलान, विजय पायलट, सविता, डॉ. आशीष, हिरेंद्र राय, मुकेश सिंघल, राजीव अरोड़ा और दीवान जी प्रमुख थे।

“द वेस्टरलीज़” के निवासी एक सुर में बोले – हमारे अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं, हम कानून के दायरे में रहकर हर मंच पर लड़ाई लड़ेंगे।

Share via
Copy link