चंडीगढ़, 18 मई 2025: हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर 12 मई 2025 तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 11 नगर निगमों में से तीन नगर निगमों — मानेसर, पंचकूला और अंबाला (शहर) की जनसंख्या कानूनन निर्धारित न्यूनतम तीन लाख से कम पाई गई है। यह तथ्य प्रशासनिक ढांचे और नगर निगमों की वैधता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।

म्युनिसिपल कानून विशेषज्ञ और हाईकोर्ट अधिवक्ता हेमंत कुमार के अनुसार, हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 3(2) के अनुसार प्रदेश में किसी नगर निगम की स्थापना और उसे बनाए रखने के लिए न्यूनतम तीन लाख की जनसंख्या होना अनिवार्य है। वर्ष 2002 से पहले यह सीमा पांच लाख थी, जिसे तत्कालीन सरकार ने संशोधन कर तीन लाख कर दिया था।

???? वेबसाइट पर दर्ज ताज़ा जनसंख्या आंकड़े:

  • मानेसर नगर निगम: 1,58,670
  • पंचकूला नगर निगम: 2,91,186
  • अंबाला (शहर) नगर निगम: 2,53,875

जबकि अन्य नगर निगमों की जनसंख्या तीन लाख से ऊपर है:

  • फरीदाबाद: 19,85,319
  • गुरुग्राम: 10,93,373
  • पानीपत: 6,86,267
  • यमुनानगर: 5,42,046
  • रोहतक: 4,55,606
  • करनाल: 4,03,821
  • हिसार: 3,79,077
  • सोनीपत: 3,72,400

???? कानूनी और तकनीकी पेच

हेमंत कुमार के अनुसार, वर्ष 2019 में अधिनियम की धारा 3(2) में संशोधन कर “जनसंख्या” की जगह “मौजूदा जनसंख्या” शब्द जोड़ा गया था और जनसंख्या का आकलन करने हेतु एक निर्धारित फार्मूला भी निर्धारित किया गया, जिसमें या तो:

  1. हरियाणा परिवार पहचान अधिनियम, 2021 के तहत संग्रहीत डेटा, या
  2. संबंधित नगर निगम क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं की संख्या का 140%,
    (इनमें से जो अधिक हो) आधार माना जाएगा।

इस फार्मूले के अनुसार, मानेसर की जनसंख्या को मार्च 2024 में जारी एक राजपत्र में 1,60,886 बताया गया था। इसमें पिछड़ा वर्ग-A (BC-A) की जनसंख्या 8,659 और पिछड़ा वर्ग-B (BC-B) की जनसंख्या 28,473 थी।

❗ सवाल और संभावित असर

विशेषज्ञों का मानना है कि जब सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा ही किसी नगर निगम की कानूनी पात्रता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा हो, तो यह विषय प्रशासनिक पारदर्शिता और वैधानिकता के लिहाज से अत्यंत गंभीर है।

हेमंत कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि नागरिक संसाधन सूचना विभाग (Citizen Resources Information Department) द्वारा जारी डेटा और उसकी वैधता को लेकर नगर निगम कानून में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, जिससे भविष्य में विधिक चुनौती का आधार बन सकता है।

????️ नगर निगम चुनाव से पहले भी उठे थे सवाल

मार्च 2025 में हुए आठ नगर निगमों के आम चुनाव और अंबाला व सोनीपत में हुए उपचुनाव से पहले जो गजट अधिसूचना (20 दिसम्बर 2024) प्रकाशित हुई थी, उसमें सभी निगमों की जनसंख्या नहीं दर्शाई गई थी, जो पारदर्शिता की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

निष्कर्ष:
हरियाणा के मानेसर, पंचकूला और अंबाला जैसे तीन नगर निगम मौजूदा कानूनी मापदंड को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इन नगर निगमों की स्थापना की वैधता, वित्तीय और प्रशासनिक निर्णयों की प्रामाणिकता और भविष्य में इन पर आने वाले कानूनी प्रभाव को लेकर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा।

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