प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इन्दु बंसल बोलीं — जल्द लागू हो पत्रकार सुरक्षा कानून, वरना होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन

झज्जर/चंडीगढ़, 19 मई 2025: हरियाणा के झज्जर जिले में आरटीआई एक्टिविस्ट व पत्रकार धर्मेंद्र की रविवार रात गोलियां मारकर की गई निर्मम हत्या ने प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गांव लुहारी में अज्ञात हमलावरों ने उन्हें टहलते समय घर के पास ही निशाना बनाया। सिर में दो गोलियां लगने के बाद उन्हें गुरुग्राम ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।
धर्मेंद्र न केवल पत्रकार थे, बल्कि सूचना के अधिकार (RTI) के माध्यम से सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर भी लगातार सवाल उठाते रहे थे। उनकी इसी सक्रियता को लेकर अब परिजन और साथी पत्रकार हत्या को गंभीर साजिश के रूप में देख रहे हैं। पुलिस व एफएसएल की टीम ने मौके से सबूत जुटा लिए हैं, लेकिन हमलावर फिलहाल फरार हैं।
इस जघन्य हत्या को श्रमजीवी पत्रकार संघ हरियाणा ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। संघ की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इन्दु बंसल ने इस अमानवीय घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा:
“हरियाणा में पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं। यह घटना यह साबित करती है कि अब सच्चाई लिखना और जनहित में सवाल उठाना पत्रकारों के लिए जानलेवा बन चुका है।”
डॉ. बंसल ने हरियाणा सरकार से अविलंब “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू करने की मांग करते हुए चेताया कि यदि सरकार ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो श्रमजीवी पत्रकार संघ हरियाणा राज्यव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होगा।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 26 मार्च 2025 को वे स्वयं नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश भर से आए हजारों पत्रकारों के साथ पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर भारत सरकार का ध्यान आकर्षित कर चुकी हैं।
डॉ. बंसल ने कहा:
“जब तक पत्रकारों की जान को कानून का सुरक्षा कवच नहीं मिलेगा, तब तक लोकतंत्र कमजोर ही रहेगा। श्रमजीवी पत्रकार संघ हरियाणा हर पत्रकार के अधिकार और सुरक्षा की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ेगा।”
संक्षिप्त में प्रमुख मांगें:
- झज्जर में पत्रकार धर्मेंद्र की हत्या के दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी।
- हरियाणा में पत्रकार सुरक्षा कानून का त्वरित निर्माण व लागू करना।
- प्रदेश के प्रत्येक जिले में पत्रकार सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना।
- पत्रकारों को धमकाने, प्रताड़ित करने या झूठे केसों में फंसाने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई।