आधुनिक भारत की नींव : राजीव गांधी का विज़न

गुरुग्राम – राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर बोलते हुए कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा आज जब हम राजीव गांधी जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद कर रहे हैं, तब मैं एक कांग्रेसी सिपाही के रूप में, यह कहना चाहती हूँ कि आज का आधुनिक भारत, कहीं न कहीं राजीव जी के सपनों की ही परिणति है।
राजनीति नहीं, परिवर्तन का माध्यम:
उन्होंने राजनीति को सिर्फ सत्ता का माध्यम नहीं, परिवर्तन का मंच बनाया। मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष करना कोई साधारण निर्णय नहीं था — यह एक क्रांति थी, जिसने भारत के लोकतंत्र को चिरयुवा और ऊर्जावान बना दिया। आज जब युवा देश की दिशा तय कर रहे हैं, तो यह राजीव जी की ही दूरदर्शिता का फल है।
पंचायती राज और नारी शक्ति का उत्थान :
उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को मज़बूत कर गाँवों को अधिकार दिया और महिलाओं को आरक्षण देकर लोकतंत्र की जड़ों में नारी शक्ति का संचार किया। आज जब देश भर में महिलाएँ सरपंच, प्रधान और विधायक बन रही हैं, तो यह राजीव गांधी जी की ही सोच है जिसने गाँव से संसद तक नारी की आवाज़ को बुलंद किया।
तकनीक, शिक्षा और आईटी क्रांति के जनक :
राजीव जी की सोच सिर्फ राजनीतिक नहीं, वैज्ञानिक और तकनीकी भी थी। जब भारत सिर्फ कृषि पर निर्भर था, उन्होंने देखा कि आने वाला समय सॉफ्टवेयर और सूचना क्रांति का होगा। उन्होंने शिक्षा को तकनीक से जोड़ा, कंप्यूटर को गाँव-शहर तक पहुँचाया, और एक ऐसे भारत की नींव रखी जहाँ आज हमारे युवा विश्व में नेतृत्व कर रहे हैं।
आज शायद ही कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी हो जहाँ भारतीय युवा अपने हुनर से नेतृत्व न कर रहे हों — यह राजीव जी के बोए हुए बीजों का ही परिणाम है।
एक पायलट जिसने देश को उड़ान दी:
कम ही लोगों को पता है कि राजीव जी एक पायलट थे। उन्होंने पूरी दुनिया में यात्रियों को सुरक्षित पहुँचाया — और जब देश ने उन्हें बुलाया, उन्होंने भारत की जनता को भविष्य की उड़ान दी। उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की जहाँ हर युवा को अवसर मिले, हर स्त्री को अधिकार मिले, और 36 बिरादरी का हर बच्चा तकनीक से जुड़कर दुनिया से होड़ करे।
सबसे युवा प्रधानमंत्री, सबसे युवा सपने:

राजीव गांधी और स्वतंत्र भारत में सिर्फ तीन वर्ष का अंतर था — इसलिए जब वो मात्र 40 वर्ष की आयु में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने, तो उनके सपने और स्वतंत्रत भारत के सपने एक जैसे थे। राजीव जी ने उन सपनों को आधुनिकरण की मजबूत बुनियाद दी — भविष्य की दृष्टि से सुसज्जित करके।
बोफोर्स से कारगिल विजय तक: न्याय का चक्र पूरा हुआ
और हाँ, जिस बोफोर्स तोप के लिए उनपर अनर्गल आरोप लगाकर राजनीतिक विरोधियों ने उनपर लाँछन लगाया, उसी बोफोर्स तोप ने कारगिल की चोटियों पर भारतीय सेना की विजय लिखी। इतिहास ने खुद गवाही दी कि राजीव गांधी राष्ट्र के लिए काम कर रहे थे, न कि स्वार्थ के लिए।
आज जब भारत आतंकवाद के ख़िलाफ़ ऑपरेशन सिंदूर जैसे साहसिक कदम उठा रहा है, तो पाकिस्तान और विश्व को यह याद रखना चाहिए कि राजीव गांधी भी मानवता-विरोधी आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद हुए थे।
उनका बलिदान सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, एक विचार का था — जिसे मिटाया नहीं जा सकता।
उनकी विरासत हर कदम में ज़िंदा है :
राजीव गांधी आज नहीं हैं, पर उनके विचार, उनके विज़न, और उनकी विरासत हर युवा की आँखों में, हर महिला के आत्मविश्वास में, और भारत के हर सफल कदम में जीवित है।
हम उन्हें नमन करते हैं — और यह संकल्प लेते हैं कि उनके देखे सपनों को साकार करके ही दम लेंगे।
रत्न कभी फीके नहीं पड़ते :
रत्न समय के साथ और निखरते हैं और जब बात हो भारत रत्न राजीव गांधी की तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि वे एक ऐसे चमकते हुए रत्न हैं जिनकी आभा आज भी भारत को दिशा देती है
यही होगी राजीव गांधी जी के शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि