“अधिकारियों ने मानो कार्यालय में बैठकर सूची बना दी, न कोई निरीक्षण, न ही छापामारी”

गुरुग्राम, 22 मई। राज्यभर में बिना मान्यता संचालित निजी विद्यालयों की सूची हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी की गई है, जिसमें 515 ऐसे स्कूलों के नाम सम्मिलित हैं जिन्हें विधिवत मान्यता प्राप्त नहीं है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इन विद्यालयों से जारी किए गए समस्त स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SLC) अमान्य होंगे।

इस पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह (अर्जुन नगर) ने कहा है कि सूची में गुरुग्राम और बादशाहपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के स्कूलों का नाम नहीं आना शिक्षा माफिया के दबाव और प्रशासनिक कृत्रिम निष्क्रियता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

“गुरुग्राम शहर में भी चल रहे हैं कई अवैध स्कूल”

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि गुरुग्राम शहर में अनेक निजी विद्यालय — जिनमें प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सम्मिलित हैं — बिना किसी वैध मान्यता के खुलेआम संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, प्ले स्कूल की आड़ में भी कई संस्थान बिना किसी NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

“सूची देख ऐसा प्रतीत होता है मानो अधिकारियों ने कोई भौतिक निरीक्षण किए बिना कार्यालय में बैठकर ही रिपोर्ट तैयार कर दी हो,” उन्होंने तीखे शब्दों में कहा।

“शहर में शिक्षा माफिया का बढ़ता दबदबा चिंताजनक”

गुरिंदरजीत सिंह ने आशंका जताई कि गुरुग्राम और बादशाहपुर जैसे शहरी क्षेत्रों को सूची से बाहर रखा जाना संभवतः शिक्षा माफिया के प्रभाव का परिणाम है। “क्या यह संभव है कि पूरे गुरुग्राम में एक भी ऐसा विद्यालय न हो जो बिना मान्यता के चल रहा हो?” उन्होंने पूछा।

उनका कहना है कि यह संदेह स्वाभाविक है कि कहीं ना कहीं सूची को जानबूझकर अधूरी और पक्षपातपूर्ण रूप से तैयार किया गया है, ताकि कुछ रसूखदार संस्थानों को बचाया जा सके।

“बच्चों के भविष्य से न हो खिलवाड़”

गुरिंदरजीत सिंह ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द गुरुग्राम और बादशाहपुर सहित समूचे जिले के गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सम्पूर्ण सूची सार्वजनिक की जाए और ऐसे स्कूलों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

“इन विद्यालयों से निकले छात्रों की SLC जब मान्य ही नहीं होगी, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव सीधा बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा,” उन्होंने चेतावनी दी।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रशासन को अब और देरी किए बिना ऐसे स्कूलों को बंद करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में चल रही अराजकता और अवैधता पर अंकुश लगाया जा सके।

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