निदेशक के गुरुग्राम पहुंचने पर निगमायुक्त प्रदीप दहिया सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने किया उनका स्वागत

बैठक में नगर निगम की कार्यप्रणाली, मैनपावर, संसाधन, ठोस कचरा प्रबंधन और जल भराव की समस्या के समाधान के लिए किये जा रहे कार्यों पर हुई चर्चा

गुरुग्राम, 23 मई। शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) निदेशक पंकज ने आज गुरुग्राम का दौरा कर नगर निगम कार्यालय में अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने निगम की कार्यप्रणाली, मैनपावर, संसाधन, ठोस कचरा प्रबंधन और जलभराव की समस्या के समाधान को लेकर चल रहे कार्यों और आगामी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

निदेशक ने सफाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए इसे पूर्ण रूप से डिजिटल मैप पर दर्ज करने के निर्देश दिए ताकि नए अधिकारी भी जानकारी से भली-भांति अवगत हो सकें। उन्होंने सडक़ों, ड्रेनेज, सिवरेज नेटवर्क और वाटर बॉडीज की भी मैपिंग करने पर बल दिया। उन्होंने सेकेंडरी कचरा कलेक्शन पॉइंट्स की संख्या घटाकर जीरो डंपिंग ग्राउंड की ओर बढऩे का आह्वान किया। बल्क वेस्ट जनरेटर की पहचान बिजली बिल के माध्यम से करने और उनके द्वारा उत्पन्न कचरे को खाद में बदलकर परिसर की हरियाली में प्रयोग करने का सुझाव भी निदेशक द्वारा दिया गया।

बैठक में निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए नए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। इस कार्य की प्रभावी व तकनीकी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए घरों पर आरएफआईडी टैग लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोड स्वीपिंग मशीनों की मॉनिटरिंग बढ़ाई जा रही है और इन पर कैमरे लगाए जाएंगे। पार्षदों व आरडब्ल्यूए के साथ रूट भी साझा किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सीएंडडी (निर्माण एवं विध्वंस) कचरा प्रबंधन के अंतर्गत बसई में प्लांट चल रहा है तथा शहर के अन्य हिस्सों से भी मलबा उठाने की दिशा में भी टेंडर आदि कार्रवाई की जा रही है।

निगमायुक्त ने बताया कि जल निकासी को लेकर निगम, जीएमडीए और एनएचएआई की संयुक्त बैठकें हो चुकी हैं और तीनों एजेंसियां अपने क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए काम कर रही हैं। 150 संभावित जलभराव स्थलों की मैपिंग कर वहां सफाई, मरम्मत व इंटरलिंकिंग का काम जारी है। निगम के अधीन 404 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई और मरम्मत भी की जा रही है ताकि जल संचयन हो सके। उन्होंने बताया कि बरसात के दौरान पर्याप्त पंप, मशीनरी और मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही 42 माइक्रो एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) विभिन्न पार्कों में बनाए हुए हैं। स्ट्रीट लाइट नेटवर्क को ऑनलाइन निगरानी के लिए सीसीएमएस से जोड़ा जा रहा है और इस दिशा में कार्य प्रगति पर है।

इस मौके पर अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका व महावीर प्रसाद, एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर वाईएस गुप्ता, संयुक्त आयुक्त सुमित कुमार व विशाल कुमार, चीफ इंजीनियर विजय ढाका, चीफ अकाउंट ऑफिसर विजय सिंगला, सीटीपी संजीव मान, सीएमओ डॉ. आशीष सिंगला सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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