अतिरिक्त सुरक्षा राशि न लौटने पर कैशियर पर लगाया जुर्माना

चंडीगढ़, 23 मई– हरियाणा सेवा अधिकार आयोग ने उपभोक्ता को सेवा प्रदान करने में देरी और लापरवाही के गंभीर मामलों को संज्ञान में लेते हुए विद्युत विभाग, उप-मंडल शहरी, सोनीपत के अधिकारियों के विरुद्ध कठोर निर्णय लिए हैं। सोनीपत निवासी श्रीमती अल्का गुलाटी ने आयोग को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने विद्युत विभाग, सोनीपत में अतिरिक्त जमा सुरक्षा राशि 4 हजार 500 रुपये की वापसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग द्वारा न तो यह राशि समय पर वापस की गई और न ही कोई स्पष्ट जानकारी दी गई।
आयोग के प्रवक्ता ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने जांच में पाया पाया कि श्री अशोक कुमार, कैशियर (CA), द्वारा उपभोक्ता की अतिरिक्त सुरक्षा राशि 4 हजार 500 रुपये की वापसी में अत्यधिक देरी की गई, जो स्पष्ट रूप से उनकी लापरवाही को दर्शाता है। शिकायत के निस्तारण के समय यह बताना चाहिए था कि ‘सेवा पूरी हो गई’ वाक्य लिखने के बजाय, उन्हें यह उल्लेख करना चाहिए था कि चूंकि बाइंडर खुला था, इसलिए समायोजन के लिए मामला नहीं भेजा जा सकता है ,लेकिन उनकी रिफंड राशि 4,500 रुपये है। बाद में बाइंडर बंद हो जाने के बाद भी उन्होंने समय रहते मामला संबंधित अधिकारी को नहीं भेजा।
इस लापरवाही के लिए आयोग ने श्री अशोक कुमार पर 3 हजार रुपये का सांकेतिक जुर्माना लगाया है तथा 1 हजार रुपये उपभोक्ता को मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया है। अधीक्षण अभियंता (XEN), विद्युत मंडल-उप शहरी, सोनीपत को निर्देशित किया गया है कि यह कुल 4 हजार रुपये की राशि श्री अशोक कुमार के मई 2025 के वेतन से काटी जाए तथा 3 हजार रुपये राज्य कोष में जमा की जाए और 1 हजार रुपये उपभोक्ता को भुगतान किया जाए।
इसके अतिरिक्त, श्री अश्विनी धनखड़, तत्कालीन एफजीआरए-सह-एसडीओ, द्वारा 24 जनवरी 2025 को अपील का निपटारा करते समय गलत तथ्यों का उल्लेख किया गया कि “लेजर अनुभाग के अनुसार अगली बिल में समायोजन हेतु केस दर्ज कर दिया गया है”, जबकि वास्तव में ऐसा कोई केस दर्ज ही नहीं किया गया था। इस कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन्हें 06 जून 2025 तक आयोग को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया की उपभोक्ता को 22 मार्च 2025 को जारी नवीनतम बिल की जांच के दौरान यह पाया गया कि सुरक्षा राशि -13,500.01 रुपये दर्शाई गई है, जो गलत है। नकारात्मक राशि का अर्थ है कि उपभोक्ता को यह राशि जमा करनी है, जबकि मामला इसके विपरीत है। अतः श्री रूपेश गेहलावत, एसडीओ को यह त्रुटि सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, बिल में छपे एक अन्य कथन “यह एक ब्याजयुक्त सुरक्षा राशि है तथा 6.75 प्रतिशत की दर से 2023-24 में ब्याज दिया जाएगा” को भी अप्रासंगिक और भ्रामक पाया गया है। क्योंकि 2024-25 भी समाप्त हो चुका है और ब्याज दरें गतिशील होती हैं, जो रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित बैंक दर पर आधारित होती हैं। इसलिए प्रबंध निदेशक, उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) को सभी बिलिंग दस्तावेज़ों की समीक्षा कर सुधार करने तथा भविष्य में उपभोक्ताओं को सही जानकारी देने हेतु कदम उठाने को कहा गया है। उन्हें इस संबंध में 23 जून 2025 तक आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।