पहलगाम हमले के बाद भाजपा के “घर-घर सिंदूर” कार्यक्रम पर कांग्रेस का सीधा हमला —
पर्ल चौधरी बोलीं: “मोदी जी, शहीदों की चिताओं पर सिंदूर की होली मत खेलिए”

गुड़गांव, 29 अप्रैल: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद जहाँ पूरा देश आक्रोश और शोक में डूबा है, वहीं भाजपा ने 9 जून से “घर-घर सिंदूर” नामक एक तथाकथित राष्ट्रभक्ति अभियान की घोषणा कर दी है।
इस पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पर्ल चौधरी ने आज गुड़गांव में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा और बेबाक प्रहार करते हुए कहा:
“ये घर-घर सिंदूर नहीं, घर-घर स्त्री अपमान और शहीदों की पीड़ा का राजनीतिक व्यापार है। ऑपरेशन सिंदूर हमारी सेना का शौर्य है, लेकिन मोदी सरकार उसे भी अपने चुनावी प्रचार की पूँजी बना रही है।”
“मोदी जी, आपके नसों में गर्म सिंदूर नहीं, अब ठंडी संवेदनहीनता बह रही है”
पर्ल चौधरी ने प्रधानमंत्री के हालिया भाषण का हवाला देते हुए कहा:
“आप कहते हैं आपके नसों में गर्म सिंदूर बहता है — तो बताइए मोदी जी, क्या आपका गर्म सिंदूर हरियाणा की बेटी हिमांशी नरवाल के पति की जान बचा सका? क्या वह बाक़ी 25 निर्दोष पर्यटकों को आतंकियों से बचा सका?
असल में तो आपका सिंदूर सिर्फ चुनावी मंचों पर गरम है”
“सिंदूर भारतीय समाज में एक सांस्कृतिक श्रद्धा है, भाजपा की प्रचार सामग्री नहीं”
“सिंदूर कोई राजनीतिक पैकेट नहीं जिसे घर-घर बाँटा जाए। यह कोई हथियार नहीं जिसे पुरुष ‘राष्ट्रभक्ति’ की आड़ में स्त्रियों पर इस्तेमाल करें। सिंदूर स्त्री की आस्था और गरिमा का प्रतीक है भाजपा की प्रचार रणनीति का खिलौना नहीं।”
“क्या अब कोई भी अनजान पुरुष किसी भी युवती या महिला को देशभक्ति की ओट में सिंदूर भेज सकता है?”
पर्ल चौधरी ने सवाल उठाया:
• जो महिला सिंदूर न लगाए, क्या वह अब राष्ट्रद्रोही कहलाएगी? क्या सरकार अब उन्हें सलाखों के पीछे भेजेगी ??
“घर घर सिंदूर कार्यक्रम की परिकल्पना भारतीय नारी की स्वतंत्रता पर सुनियोजित हमला है, जिसे भाजपा एक सुसंस्कृत राष्ट्रभक्ति का नाम दे रही है।” “ऑपरेशन सिंदूर सेना की शौर्यगाथा है – भाजपा उसे चुनावी सौदेबाज़ी बना रही है”
“ऑपरेशन सिंदूर हमारी सेना की वीरता का प्रतीक है। लेकिन भाजपा उसे भी मुद्रित पैकेज में बांधकर भावनात्मक वोटबैंक में बदलना चाहती है।
मोदी जी ने खुद कहा था कि ‘मैं गुजराती हूँ, मेरे खून में व्यापार है’। ये कोई राष्ट्रभक्ति नहीं — ये ‘सिंदूर की सौदेबाज़ी’ है।”
भाजपा सांसद और मंत्रियों पर निशाना
रामचंद्र जांगड़ा का स्त्री-विरोधी बयान
“जिस महिला का पति आतंकियों के हाथ मारा गया, वह वीरांगना नहीं? ये कहना अमानवीय ही नहीं, पाशविक सोच का उदाहरण है। जांगड़ा का संसद में एक क्षण रहना भी नारी गरिमा का अपमान है।”
मध्यप्रदेश भाजपा के मंत्री विजय शाह का सांप्रदायिक बयान
“देश की पहली मुस्लिम महिला कर्नल सोफिया कुरैशी पर भाजपा मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी, बताती है कि भाजपा के लिए चुनावी धर्म पहले है, देश बाद में।”
पर्ल चौधरी की चार स्पष्ट माँगें:
1. “घर-घर सिंदूर” अभियान की तत्काल वापसी
2. रामचंद्र जांगड़ा को सांसद पद से बर्खास्त किया जाए
3. गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का इस्तीफ़ा — आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति की विफलता की ज़िम्मेदारी तय हो
4. मंत्री विजय शाह को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए — सेना और महिलाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं
“भारतीय नारी कोई भाजपा का बैनर नहीं — वह राष्ट्र की आत्मा है”
“मोदी सरकार को समझना होगा — स्त्री वोट बैंक नहीं, सम्मान की अधिकारिणी है। और सम्मान संविधान से आता है, न कि भाजपा की सिंदूरी राजनीति से।”
“आदरणीय मोदी जी, भाषण नहीं, नैतिक साहस दिखाईए”
“ये समय फोटोशूट, नाटकीय नारों और मंचीय वीरता का नहीं है।ये समय है अपनी वीरांगना बेटियों के प्रति उत्तरदायित्व निभाने का। मोदी जी, यदि आपकी संवेदनशीलता असली है, तो ज़िम्मेदारी से कोताही करनेवालों को हटाएँ, और स्त्री की अस्मिता को राजनीतिक सौदेबाज़ी से बाहर रखें ।”