मानेसर निगम और औद्योगिक क्षेत्र पटौदी हल्के का महत्वपूर्ण हिस्सा

पाटोदी जिला निर्माण कमेटी के द्वारा बुधवार को बंद का आह्वान

पटोरी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर बंद के लिए झोंकी ताकत

फतह सिंह उजाला 

मानेसर/ पटौदी। शासन – प्रशासन और अपने ही चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ भाजपा सरकार की गठित जिला निर्माण कमेटी के द्वारा पाटोदी जिला के लिए अभी तक पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिलने को देखते हुए बुधवार को पूर्णता बंद आह्वान किया गया है। पिछले करीब 3 वर्ष में पटौदी विधानसभा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। सबसे महत्वपूर्ण है दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के साथ लगते हुए औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में ही मानेसर नगर निगम बनाया जाना। इसके अलावा पुराना पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के साथ लगते नौ गांव को मिलाकर पटौदी जाटोली मंडी परिषद का गठन किया जाना। शनिवार को गोपी कृष्ण वाटिका में जिला निर्माण कमेटी और सर्व समाज के द्वारा बुलाई गई बैठक के कथित दावे के मुताबिक बुधवार को बंद का समर्थन सर्व समाज के द्वारा दिया जा चुका है। लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं कि इस बैठक में पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चुने हुए जनप्रतिनिधि और विभिन्न व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी या उनके प्रतिनिधि मौजूद ही नहीं रहे। इस प्रकार जो बंद  का फैसला किया गया , वह निश्चित रूप से अपने आप में सवाल बनकर जवाब की तलाश में भी दिखाई दे रहा है ?

सीधी और साफ बात के साथ में चुनौती सबसे बड़ी यही है कि मानेसर नगर निगम क्षेत्र और मानेसर औद्योगिक क्षेत्र का बंद में शामिल होना ही बुधवार को पटौदी बंद की कामयाबी का सबसे विश्वसनीय और मजबूत पैमाना होगा ? इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता मानेसर में अनगिनत औद्योगिक इकाइयां हैं। जहां पर अनगिनत मजदूर वर्ग अपने-अपने काम के लिए पहुंचते हैं । इसी कड़ी में बिलासपुर के बराबर में बिनोला क्षेत्र में भी अनेक औद्योगिक इकाइयां है। बात जमालपुर की हो, पटौदी की हो या फिर फरुखनगर क्षेत्र की हो विभिन्न स्थानों पर वेयरहाउस में बड़ी संख्या में दैनिक कामकाजी लोग काम के लिए आवागमन कर रहे हैं। लाख टके  का सवाल यही है कि एक ही दिन में करोड़ों रुपए के विभिन्न प्रोडक्ट बनाने वाले औद्योगिक क्षेत्र मानेसर और बिनोला के उद्योगपतियों या उद्योग मालिकों का समर्थन पाटोदी जिला बनाने के लिए मांगा गया या उनके द्वारा दे दिया गया है ?

दूसरी तरफ बुधवार को बंद के आह्वान को देखते हुए समाचार पढ़ने तक 24 घंटे ही शेष बचे होंगे। पटोदी जिला बनाने की मुहिम का नेतृत्व करने वाले प्रतिनिधियों के दावे के मुताबिक जमालपुर, बिलासपुर, बोहड़ाकला, पटौदी, हेली मंडी, जाटोली, पटौदी सब्जी मंडी के अलावा पटौदी विधानसभा सीमा क्षेत्र में शामिल गांव के अड्डा की मार्केट को पूरी तरह से बंद किया जाने अथवा रखा जाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रचार आरंभ कर दिया गया है । दावा यहां तक किया जा रहा है कि दैनिक कामकाजी रेहडी खोमचे या छोटे-छोटे दुकानदारों के द्वारा भी बंद को कामयाब बनाने का आश्वासन दिया गया है।

वहीं लोगों की यह भी प्रतिक्रिया साथ-साथ सुनने के लिए मिल रही है , जब कभी भी किसी मुद्दे पर बंद का आह्वान किया जाता है तो सबसे अधिक मार और प्रभाव फुटकर दुकानदारों रेहडी खोमचा वालों पर ही पड़ती है । वही एक दिन के इस प्रकार के बंद रखा जाने का सरकार को राजस्व से अधिक नुकसान आम छोटे-छोटे दुकानदारों को ही भुगतना पड़ता है। बहरहाल बुधवार को बंद की कामयाबी पर ही पटौदी को जिला बनाने की नींव रख जाने का काम भी करेगी । वही इस बात को लेकर भी जिज्ञासा है कि बुधवार के इस आंदोलन के बाद आगामी क्या कुछ कदम उठाया जाएगा ?

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