नगर निगम के कर्मचारियों को जनता की सेवा में लगाएं, पार्षदों के निजी कार्यों से दूर रखें: समाजसेवी की प्रशासन को चेतावनी

गुरुग्राम, 7 जून। गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने नगर निगम (MCG) में तैनात कर्मचारियों के पार्षदों द्वारा निजी कार्यों में उपयोग किए जाने को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इसे सत्ता और पद के दुरुपयोग की संज्ञा दी है और निगम प्रशासन से मांग की है कि सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारियों की मॉनिटरिंग की जाए ताकि जनता के कार्य प्रभावित न हों।

गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि नगर निगम ने पार्षदों की मांग पर अब गुरुग्राम के सभी 36 वार्डों में चार-चार निगमकर्मियों की तैनाती करने का निर्णय लिया है। इनमें दो सुपरवाइजर, एक क्लर्क और एक मल्टी टास्क वर्कर शामिल हैं। यह निर्णय वार्ड के विकास कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने की मंशा से लिया गया है।

निगमकर्मियों से हो रहे हैं पार्षदों के निजी कार्य

गुरिंदरजीत सिंह ने खुलासा किया कि पूर्व में कई पार्षदों ने अपने वार्ड में तैनात निगमकर्मियों को जनता के बजाय अपने निजी कार्यों—जैसे सब्जी लाना, बच्चों को स्कूल छोड़ना, दूध मंगवाना आदि—में लगा दिया था। इस पर जनता की ओर से लगातार शिकायतें नगर निगम को प्राप्त होती रहीं, जिसके चलते कई कर्मचारियों को MCG मुख्यालय में वापस बुलाना पड़ा।

सैलरी निगम से और काम पार्षदों के—यह सत्ता का दुरुपयोग है। अगर पार्षदों को निजी कार्यों के लिए स्टाफ चाहिए, तो वे अपने निजी खर्चे पर कर्मचारी रखें,” – गुरिंदरजीत सिंह

कर्मचारियों की मॉनिटरिंग जरूरी

समाजसेवी ने निगम आयुक्त एवं प्रशासन से अपील की कि जो भी कर्मचारी वार्ड में तैनात किए जाएं, उन्हें केवल जनहित व निगम कार्यों तक सीमित रखा जाए। उन्होंने नियमित मॉनिटरिंग की मांग की ताकि कोई भी पार्षद प्रशासनिक संसाधनों का निजी लाभ के लिए दुरुपयोग न कर सके।

गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि नगर निगम द्वारा नियुक्त स्टाफ को जनता की समस्याओं के समाधान और विकास कार्यों की निगरानी के लिए लगाया गया है, न कि किसी भी पदाधिकारी की निजी सेवा के लिए।

प्रमुख बिंदु:

  • प्रत्येक वार्ड में 4 निगम कर्मचारी होंगे तैनात
  • पूर्व में कुछ पार्षदों द्वारा निगमकर्मियों से निजी कार्य करवाने की शिकायतें
  • समाजसेवी ने की स्टाफ की नियमित मॉनिटरिंग और जवाबदेही की मांग
  • पार्षदों को निजी स्टाफ रखने की सलाह, निगम स्टाफ से न लें निजी काम
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